क्या आपकी थाइज भी सामान्य से ज्यादा मोटी हैं। अगर हां तो आप भी इन्हें प्रॉपर शेप करने की मेहनत करती होंगी। क्योंकि यह शरीर के निचले हिस्से को भारी दर्शाते हैं। लेकिन थाइज की चर्बी को कम करने के लिए जरूरी है कि शरीर के अन्य भागों के मुकाबले थाइज के मोटे होने के सही कारणों का पता लगाया जाए। इसके साथ ही सही एक्सरसाइज, खानपान पर ध्यान देना होगा। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि महिलाओं में थाइज का फैट ज्यादा होने का क्या कारण है, कम करने के उपाय है।
थाइज मोटी होने के मुख्य कारण
मोटी जांघों के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि उच्च वसा भोजन, अल्कोहल की खपत, अधिक बैठना या कम गतिविधि, नियमित व्यायाम की अभाव, या आनुवंशिक अवयस्कता।
- अधिक वसा भोजन खाने से शरीर में अधिक वसा जमा होता है, जिससे जांघों की मोटाई बढ़ती है। अल्कोहल की खपत भी वसा जमने का कारण बनती है और जांघों को मोटा बनाती है। अधिक बैठना या कम गतिविधि भी शरीर के वजन बढ़ने का कारण बन सकते हैं।
- नियमित व्यायाम की अभाव भी जांघों के मोटे होने का कारण बन सकता है। रोजाना व्यायाम न करने से शरीर में उपयोग न होने वाली कैलोरी शरीर में जमा होती है और इससे वजन बढ़ता है।
- आनुवंशिक अवयस्कता भी जांघों के मोटे होने का कारण हो सकती है। यदि आपके परिवार में मोटापे की समस्या है तो आप भी इससे प्रभावित हो सकते हैं।
थाइज (जांघ) का वजन कम करने के कुछ उपाय हैं
- व्यायाम करें: नियमित व्यायाम थाइज के वजन को कम करने में मदद कर सकता है। व्यायाम जैसे जॉगिंग, स्क्वाट, लंबे छलांग और योग थाइज के बढ़ते वजन से निपटने में मदद कर सकते हैं।
- उचित खान-पान: स्वस्थ खानपान अपनाना और अधिक प्रोटीन, फल और सब्जियां खाना थाइज के वजन को कम करने में मदद कर सकता है। तले हुए भोजन, मीठे और अधिक वसा वाले भोजन से दूर रहने से फायदा होगा।
- हाइड्रेशन: पानी की पर्याप्त मात्रा प्राप्त करने से शरीर का उचित तापमान बना रहता है जिससे थाइज सुष्ठ रहते हैं।
- मसाज करें: थाइज के लिए मसाज करने से थकावट और टेंशन कम होती है जो वजन कम करने में मदद कर सकता है।
- प्रोटीन की खपत बढ़ाए: प्रोटीन की खपत बढ़ाना थाइज के वजन कम करने में मदद कर सकता है। इसके लिए अंडे, दूध उत्पाद, दलिया आदि का सेवन बढ़ाएं।
महिलाओं में ज्यादा होता है पुरुषों की तुलना में फैट
सांइटिफिक अमेरिकन की रिसर्च के मुताबिक फीमेल्स की बॉडी में फैट्स की पर्सेनटेज़ पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होता है। आंकड़ों के अनुसार 25 साल की उम्र तक महिलाओं के शरीर में पुरूषों की तुलना में दोगुना फैट होता है। महिलाओं की बॉडी में फैट्स समान मात्रा में बढ़ने लगते हैं।