फरवरी और मार्च के महीने में कई राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि हुई थी। जिसकी वजसे से किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ। यूपी, पंजाब, हरियाणा, बिहार और राजस्थान समेत कई राज्यों में हुई बेमौसमी बारिश ने काफी नुकसान पहुंचाया है। बारिश की वजह से गेहूं की फसल खेतों में ही बिछ गई। इससे गेहूं की क्वालिटी खराब हो गई है। किसानों के लिए इन गेहूं को बेचना भी चिंता का विषय बना हुआ है। हालांकि केंद्र सरकार ने हरियाणा और पंजाब सरकार के अनुरोध पर सिकुड़े गेहूं के दानों को एमएसपी पर खरीदने का फैसला किया था। अब यूपी सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने टूटे-फूटे और सिकुड़े गेहूं के दानों को खरीदने का फैसला किया है।
18 फीसदी से ज्यादा खराब नहीं होने चाहिए गेहूं
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में केंद्र सरकार ने टूटे-फूटे और सिकुड़े गेहूं के दानों को खरीदने का फैसला किया है। इसमें किसानों के लिए शर्त रखी गई है कि गेहूं के दाने 18 फीसदी से ज्यादा टूटे और सिकुड़े नहीं होने चाहिए। अभी तक 6 प्रतिशत से ज्यादा टूटे-फूटे और सिकुड़े दानों को नहीं खरीदा जाता था। अब केंद्र सरकार ने इस मानक को बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया है। जिन किसानों की फसल बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि की वजह से प्रभावित हुई है। अब किसान आसानी से केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी के तहत अपनी उपज को बेच सकेंगे।
लागू हुए आदेश
केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेशों को लागू कर दिया गया है। मानकों में हुए केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को सहमति पत्र भेज दिया है। यह नियम लागू होने से किसानों में खुशी की लहर है। यह निर्णय हजारों किसानों को भारी नुकसान से बचाने और खेती-किसानी में उनका मुनाफा बरकरार रखने के लिए लिया गया है।
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ये रहेंगे खरीद मानक
गेहूं का एमएसपी 2125 रुपये प्रति क्विंटल है।
- 6 प्रतिशत तक दानों के टूटे व सिकुड़े होने पर कोई कटौती नहीं की जाएगी।
- 6-8 प्रतिशत तक टूटे व सिकुड़े होने पर 5.31 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की जाएगी।
- 8-10 प्रतिशत तक टूटे व सिकुड़े होने पर 10.62 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की जाएगी।
- 10-12 प्रतिशत पर 15.93 रुपये की कटौती की जाएगी।
- 12-14 प्रतिशत पर 21.25 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की जाएगी।
- 14-16 प्रतिशत पर 26.56 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की जाएगी।
- 16-18 प्रतिशत तक दाने टूटे व सिकुड़े होने पर 31.87 रुपये प्रति क्विंटल की दर से कटौती की जाएगी।