National Safe Motherhood Day
ज्यादातर महिलाएं अपनी सेहत को लेकर काफी लापरवाह होती हैं। कोई भी दुख-तकलीफ होने पर वे खुद को नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन प्रेग्नेंसी एक ऐसी अवस्था है जब उन्हें अपनी सेहत का भी ख्याल रखना चाहिए।
किसी कारणवश एक गर्भवती महिला की मौत से न केवल बच्चों से मां का आंचल छिन जाता है बल्कि पूरा परिवार ही बिखर जाता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की उचित देखभाल और प्रसव संबंधी जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जा रहा है।
विकासशील देशोंं में मातृ मृत्यु ज्यादा
WHO के अनुसार, दुनियाभर में जितनी मातृ मृत्यु होती हैं उनमें से 99 फीसदी विकासशील देशों में होती हैं, जिसका आंकड़ा प्रतिदिन लगभग 850 मौतें हैं। वहीं, पूरी दुनिया में हर साल जितनी मैटरनल मौतें होती हैं उनमें से 20 फीसदी भारतीय महिलाओं की होती हैं जिनकी संख्या करीब 56 हजार है और आंकड़ा ये कि युवा उम्र की महिलाएं ज्यादा मौत का शिकार होती हैं, जो महिलाएं गर्भवती होती हैं उनके लिए बहुत चिंता होती है, क्योंकि उन्हें अपनी सेहत के साथ-साथ बच्चे की भी फिक्र रहती है। हार्मोनल चेंज और प्रेग्नेंसी के चलते महिला की मानसिक स्थिति पर भी काफी प्रभाव पड़ता है।
आप गर्भवती हैं, तो इन बातों का रखें ध्यान
- 1. सुबह के नाश्ते में सेहतमंद चीज़ें ज़रूर शामिल करें।
2. फ़ाइबर से भरपूर सब्ज़ी फल खाएं।
3. डॉक्टर की दी गई आयरन और फॉलिक एसिड सहित सभी दवाएं सही मात्रा और सही वक़्त पर रोज़ाना लें।
5. प्रेग्नेंसी के दौरान अंडा, चिकन या मछली खाएं, पर इन्हें अच्छी तरह पकाने के बाद।
6. ज़्यादा से ज़्यादा प्रोटीन खाएं इससे बच्चे का बेहतर विकास होगा जिसके लिए आप अपने खाने में दाल, बीज, दूध वाली चीज़ों को शामिल करें।
7. नियमित पानी पीएं।
8. आरामदायक कपड़े पहनें।
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