हम अपनी हर बीमारी के बारे में किसी ना किसी के सामने जिक्र कर देते हैं। लेकिन कभी भी दिमागी परेशानी के बारे में खुलकर किसी को नहीं बताते। लंबे समय से आपको कोई बात परेशान कर रही है। आप लगातार डिप्रेशन में जा रहे हैं, ऐसी बातों का हम किसी के सामने जिक्र नहीं करते हैं।
बहुत बार ऐसा होता है कि एक पल में हम खुश होते हैं और अगले ही पल में दुखी हो जाते हैं। लंबे समय से परेशान हैं। बहुत बार हम परसिस्टेंस डिप्रेसिव डिसऑर्डर यानि डिस्थीमिया के शिकार हो जाते हैं और हमें पता भी नहीं चलता। इस लेख में जानते हैं डिस्थीमिया क्या होता है और इसके लक्षण और इलाज क्या है ?
डिस्थीमिया क्या है
जब लंबे समय तक डिप्रेशन रहता है और हम कोई भी खुशी का पल अच्छे से एंजाय नहीं कर पाते। ऐसी स्थिति में धीरे-धीरे लोगों से मिलना बंद कर देते हैं। सीनियर साइकोलॉजिस्ट डॉ. भावना बर्मी ने निजी वेबसाइट में बताया है कि ये ” यह एक मूड डिसऑर्डर है जो 2 या उससे अधिक समय तक रहता है। चूंकि यह माइल्ड डिप्रेशन है और डिप्रेसिव डिसऑर्डर की तरह इसके कोई गंभीर लक्षण नहीं होते इसलिए इसे पीडीडी भी कहते हैं।”
ये भी पढ़े- वर्किंग महिलाओं को पैनिक डिसऑर्डर से ऐसे मिलेगी राहत
लंबे समय तक रहता है मूड ऑफ
डिस्थीमिया लंबे समय तक रहने वाला डिप्रेशन है। इसमें व्यक्ति लगातार लो मूड में रहता है। ये कॉर्निक अवसाद है। यह बहुत से व्यक्तियों को हो जाता है। इसका प्रभाव दैनिक क्रियाकलापों पर भी पड़ता है।
डिस्थीमिया के लक्षण
- लंबे समय तक मूड डिस्टर्बेंस है।
- ज्यादा समय तक उदास रहना।
- काम में मन नहीं लगना।
- एकाग्रता भंग होना।
- ऊर्जा रहित फील करना।
- हर वक्त थकान महसूस करना।
- अनिद्रा।
- भूख कम या ज्यादा लगना।
वजन में अचानक परिवर्तन आना। - खुद को खोया हुआ महसूस करना।
- आत्मसम्मान में कमी महसूस करना।
ये भी पढ़े- बुढ़ापे को छूमंतर करने के लिए अपनाएं ये रुटीन
डिस्थीमिया के कारण
- आनुवंशिक।
- परिवार में किसी को ये दिक्कत रही हो।
अब्यूज, ट्रॉमा।
कोई स्ट्रेसफुल इंवेट घटित हुआ हो। - ब्रेन केमिस्ट्री इंबैलेंस, जैसे सेरोटोनिन या डोपामाइन की कमी।
- मादक द्रव्यों के सेवन से भी होता है खतरा।
- लंबे समय से कोई शारीरिक बीमारी हो।
- ये किसी भी वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।
डिस्थीमिया का शिकार हैं कैसे पता करें
- ऐसा व्यक्ति हर वक्त उदास रहना शुरू कर देता है।
- अकेला रहना ज्यादा पसंद करता है।
- समाज से कट जाता है।
- नींद में गड़बड़ी होने लगी हो।
- अचानक से आप ज्यादा खाने लगे हैं या कम खाने लगे हैं।
- खुद को लेकर नेगेटिव विचार आने लगते हैं।
- हमेशा होपलेसनेस फील होती है।
- फैसले लेने में दिक्कत होने लगती है।
- बहुत बार अपराधबोध और शर्म की भावनाएं भी आ जाती है।
- बहुत से लोग आत्महत्या के बारे में सोचने लगते हैं।
डिस्थीमिया का इलाज
डॉक्टर्स का कहना है कि इसके लक्षणों के स्पष्ट होने पर इलाज की आवश्यकता होती है। दवा और मनोचिकित्सक की मदद से मरीज ठीक हो जाता है। जीवनशैली में बदलाव करके भी डिस्थीमिया पर काबू पाया जा सकता है। जैसे योग,स्वस्थ भोजन, मनपसंद का कार्य करके इस पर काबू पाया जा सकता है।
ये भी पढ़े- इन तरीकों से दूर होगी नींद नहीं आने की समस्या
READ ALSO-कब नहाना बन सकता है खतरा, जानिए
The Unique Bharat ।। कितने मरे, कितने घायल और बिना मुद्दों के दांव पेंचों वाली राजनीतिक बहस से दूर पॉजिटिव खबर, जरूरी बातें, दमदार किसान, प्रेरक महिलाओं और युनीक भारतीयों को जानने के लिए पढ़ें The Unique Bharat ।।