आज अन्तर्राष्ट्रीय फैक्टचैकिंग दिवस है। जहां डिजीटलयुग ने जीवन को अकल्पनीय गति से सुगम और सरल बनाया वहीं इसकी फेक और फैक्ट की चुनौतियां इसकी गति को दिशा भ्रमित भी कर रही हैं। सूचना की गति पर सत्यता की मोहर उसके भ्रमित होने पर अंकुश का काम करती है। इसलिए सूचना की सत्यता और स्वच्छता जानना जरूरी बन जाता है।
बच्चों से लेकर वृद्ध तक, किसी भी स्थान या क्षेत्र से वो हों, भ्रामक समाचारों का शिकार हर कोई हो रहा है । झूठी और भ्रामक सूचनाएं मानसिक, शारीरिक और वैचारिक स्तर तक हमारे कार्यों को प्रभावित कर रही हैं। इससे समय ,पैसा और ध्यान, सभी का दुर्पयोग हो रहा है। मजबूत लोकतंत्र और स्वस्थ सोच के लिए सत्यपूर्ण सूचना और समाचार , मजबूत नींव के समान हैं। स्वस्थ्य और प्रगतिशील समाज की परिकल्पना को पूर्ण करने के लिए विभिन्न संगठन, संस्थान, समूहों, व्यक्तियों और फैक्टशाला टीम ने दुनिया भर में प्रशिक्षकों को फेक से लड़ने और इसके के लिए जागरूकता आभियान करने के लिए प्रशिक्षित किया है। विश्व भर में सूचना साक्षरता शिक्षा का अभिन्न अंग बनाये जाने के प्रयास किए जा रहे हैं ।
डिजिटल मंंच पर विचरती झूठी सूचनाओं के वर्तमान परिदृश्य में
CSR Mentor डॉ प्रज्ञा कौशिक ने बताया कि पत्रकारों, मीडिया शिक्षकों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं द्वारा गूगल न्यूज इनिशियेटिव और डेटालीड्स के सहयोग से झूठी सूचनाओं के लिए जागरूकता और फैक्टचैकिंग के महत्व को जानने के लिए वर्कशाप की जा रही हैं। गूगल न्यूज इनिशियेटिव और डेटालीड्स भारत में मीडिया साक्षरता/तथ्य-जांच और सूचना परिस्थिति के क्षेत्र में पेनल डिस्ट्रिक्टशन , मीडिया साक्षरता, हैल्थ कम्यूनिकेशन और अन्य सूचना सत्यता और डेटा वेरिफिकेशन पर आधारित वर्कशाप कर महत्वपूर्ण सहयोग कर रहे हैं। सेंटर फॉर सोशल रिसर्च द्वारा स्कूल स्टूडेंट्स के लिए डिजिटल सेफ्टी अवेयरनेस वर्कशॉप और कॉलेज गर्ल्स के लिए साइबर सिक्योरिटी वर्कशॉप की जाती हैं। जो उन्हें डिजिटल रूप से सुरक्षित दुनिया में विकसित करने में मदद करता है।
अंतर्राष्ट्रीय फैक्टचैकिंग डे पर हम सब स्वस्थ ,समृद्ध और सूचना स्वच्छता पूर्ण प्रगतिशील , विचारशील सोच को पोषित करें, ऐसा हमारा संकल्प हो कि व्यक्ति विशेष का’ पक्षपातपूर्ण व्यवहार’ , ‘मेरे वाला सच’ बन कर ‘ समाज का पक्षपातपूर्ण ‘ रवैया न बने। स्वतंत्र सोच मजबूत प्रजातंत्र के लिए जरूरी है।
सूचना की स्वच्छता और सत्यता सर्वाेपरि
सूचना की स्वच्छता और सत्यता हमारे लिए सर्वोपरि रहे। इसके लिए सूचना के स्त्रोत ,संदर्भ ,इसके संचार के कारण और माध्यम को जानना जरूरी है। एक जिम्मेदार नागरिक के लिए’ सर्व ‘और स्वच्छ ‘ के दृष्टिकोण को अपनाने पर विशेष अभ्यास की जरूरत हैं।
विशेषज्ञ परिचय
डॉ. प्रज्ञा कौशिक– मीडिया साक्षरता और मूल्य आधारित शिक्षा का व्यापक अनुभव और विशेषज्ञता रखती हैं। वह फैक्टशाला से प्रशिक्षक के रूप में और स्वतंत्र रूप से भी जुड़ी रही हैं। उन्हें सॉफ्ट स्किल, मीडिया लिटरेसी और डिजिटल इंफॉर्मेशन, टेक्नोलॉजी एंड अवेयरनेस में विशेषज्ञता हासिल है। विभिन्न संस्थानों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कल्याण प्रशिक्षण कार्यशालाएं की हैं। वह GJU के जनसंचार विभाग में पूर्व सहायक प्रोफेसर रही हैं। उनकी विशेषज्ञता के मुख्य क्षेत्रों में योजना और आयोजन, रचनात्मक लेखन, जनसंपर्क, संचार और विश्लेषणात्मक कौशल है। डॉ. प्रज्ञा कौशिक ने प्रशिक्षण और कार्यशालाओं का आयोजन किया है। वह मीडिया मेंटर के रूप में सेंटर फॉर सोशल रिसर्च से भी जुड़ी हैं। सूचनाओं के लिए जागरूकता और फैक्टचैकिंग के महत्व पर वह अब तक सैकड़ों लेक्चर दे चुकी हैं। डॉ प्रज्ञा कौशिक को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव के तहत लोटस फाउंडेशन द्वारा ग्रेट वुमन आइकॉन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।