गुरुग्राम। मोटे अनाज का सेवन हर दिन बेहद जरूरी है। लेकिन आज के समय में देश की रसोई से मोटा अनाज कम होता जा रहा है। जबकि मोटा अनाज उत्पादन में देश सबसे आगे है। आयुष विभाग द्वारा लोगों को ज्यादा से ज्यादा मोटे अनाज का सेवन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में गांधीनगर आंगनवाड़ी केंद्र पर सुपरवाइजर सुषमा के निरीक्षण में मोटे अनाज की जानकारी डॉक्टर भूदेव योग विशेषज्ञ द्वारा दी गई।समस्त गुरुग्राम में आयुष विभाग द्वारा मोटे अनाज से सम्बंधित जानकारी आयुष विभाग के डाक्टरों द्वारा जन मानस में दी जा रही है।
ज्वार, बाजरा ,कोदो, क़ागनी ,चौलाई ,रागी सावक, जौ, चना इत्यादि से बनने वाले व्यंजन व इनके स्वास्थ्य लाभ की जानकारी सभी महिलाओं को दी गई।
गर्मी में बनाएं अंकुरित बाजरे का दलिया
नवरात्रि के अवसर पर मोटे अनाज के खाद्य पदार्थ मिलते ही हैं। उसी प्रकार से मोटे अनाज का प्रयोग कर सकते हैं।
गर्मी के दिनों में एक दिन अकुंरित बाजरे का दलिया बनाया जा सकता है। कागनी व कोदो, ज्वार, जौ इत्यादि से कोलेस्ट्रॉल व दिल की समस्या ठीक हो जाती है।
मोटे अनाजों से बन सकते हैं डोसा, इडली और चीला
मोटे अनाजों से डोसा, इडली , चीला बना सकते हैं। रागी से ताक़त , कैल्शियम मिलती है साथ ही साथ क़ब्ज़ आदि ठीक करती है। ऐसे बच्चे जिनकी लम्बाई बढ़ानी है या हड्डियों से कमजोर हैं। चल फिरने में असमर्थ हैं। उन बच्चों को मोटे अनाज से बने व्यंजन खिलाने चाहिए। चौलाई, रागी का एक साथ घी के साथ हलवा बना सकते हैं।
योग व प्रणायाम किया
कमजोरी व कैल्शियम की कमी वाले, मांसपेशियों की कमजोरी व मधुमेह के रोगियों को केवल मोटा अनाज ही खाना चाहिए। क़ब्ज़ के रोगियों को अनेक समस्याओं होती हैं जिनको मोटे अनाज देकर ठीक किया जा सकता है।
जिन्हें समस्त शरीर में गांठें हैं उन्हें केवल मोटे अनाज व हरि सब्ज़ी, सलाद की उचित मात्रा लेनी चाहिए। इस अवसर पर आयुष विभाग के डाॅ भूदेव योग विशेषज्ञ ने सिरदर्द व कमर दर्द, घुटने दर्द को ठीक करने वाले सरल आसन , प्राणायाम बताया। मोटे अनाज को सही जीवन चर्या के साथ लिया जाएगा तो अधिक लाभ मिलता है।