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नई कारें हैं महंगी तो लोन लेकर पुरानी खरीदें, कम कीमत में करें सपना पूरा

कोरोना के बाद लोग बस, ट्रेन या कैब में यात्रा करना पसंद नहीं करते। यही कारण है कि पहली बार कार खरीदने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन कोरोना महामारी ने लोगों को आर्थिक तौर पर कमजोर भी कर दिया है। कई का रोजगार छूट गया तो कुछ का व्यापार ठप हो गया। जिसकी वजह से ज्यादातर लोग चाहकर भी नई कार नहीं खरीद सकते। ऐसे में आपके पास second hand कार खरीदने का बेहतरीन विकल्प है। आपको बता दें कि सेकंड हैंड कार खरीदने के लिए बैंक की तरफ से सस्ती ब्याज दर पर लोन की सुविधा भी मिलती है। इससे आप कम कीमत में लग्जरी कार का अपना सपना भी पूरा कर सकते हैं।

इन दस्तावेजों की जरूरत होगी?

पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, 3 पासपोर्ट साइज फोटो के साथ साइन किया हुआ एप्लीकेशन फॉर्म, निवास का प्रमाण के लिए पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, अपडेटेड पासबुक या बैंक अकाउंट स्टेटमेंट आदि। वहीं अगर आवेदक कहीं जॉब करता है और उसकी सैलरी बैंक खाते में आती है तो पिछले 3 महीने की सैलरी स्लिप, फॉर्म 16 या इनकम टैक्स रिटर्न के दस्तावेज जमा करवा सकता है।
अगर आवेदक सेल्फ-इम्प्लॉयड है तो पिछले दो साल की बैलेंस शीट, बिजनेस प्रूफ के लिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, सर्विस टैक्स रजिस्ट्रेशन, पिछले दो साल के आईटीआर डॉक्यूमेंट, आईटी असेसमेंट/क्लीयरेंस सर्टिफिकेट, इनकम टैक्स चालान/टीडीएस सर्टिफिकेट/फॉर्म 26 एएस की जरूरत होगी।

पुरानी कार खरीदते समय ध्यान रखें ये बात

बजट : जब भी पुरानी कार खरीदें तो सोच-समझकर बजट तय करें। जो कार आप खरीदना चाह रहे हैं, उसके बारे में रिसर्च कर लें कि उसकी सेकंड हैंड कार की मार्केट में क्या वैल्यू हो सकती है।

लंबी टेस्ट ड्राइव : जब आप किसी पुरानी कार को खरीदें तो उसकी लंबी टेस्ट ड्राइव लें। करीब 20 मिनट तक उसे हर तरह के रास्ते पर चलाएं। टेस्ट ड्राइव लेते समय ध्यान दें कि कार में कहीं कोई कमी या खराबी तो नहीं है, कोई अजीब आवाज तो नहीं है, चलने में कैसी है और इंजन कैसी आवाज कर रहा है।

मूल्यांकन : टेस्ट ड्राइव लेने के बाद कार का मूल्यांकन करें। अलग-अलग पैरामीटर्स पर कार को रखें। अगर आपको कार में कोई कमी नजर आ रही है तो देखें कि उस कमी को ठीक कराने में कितना खर्चा आएगा। इसके बाद ही कार की कीमत तय करें।

सर्विस रिकॉर्ड : हमेशा कार का सर्विस रिकॉर्ड चेक करें। सर्विस रिकॉर्ड से आपको पता चलेगा कि उसमें ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर पर क्या-क्या काम हुआ है और कब-कब हुआ है। मीटर से छेड़छाड़ तो नहीं की गई है। अगर स्पीड मीटर में सूई हिलते हिलते ऊपर उठे तो समझ लें कि कुछ तो गड़बड़ है। अगर आपको सर्विस रिकॉर्ड बिल्कुल ठीक लगता है तो इसका मतलब है कि काफी हद तक कार सही ही होगी।

जानकार से करवाएं जांच : एक बाद कार को किसी मैकेनिक को भी जरूर दिखा लें या कार को ऑथराइज्ड सर्विस सेंटर पर ले जाकर उसका इंस्पेक्शन करा लें। सभी ओरिजनल दस्तावेज जांचें।

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