भारत में कई प्रकार की दाल पाई जाती है। हम अपने घरों में ज्यादातर मूंग, अरहर, चना, मसुर, उड़द की दाल का इस्तेमाल करते हैं। सभी दाले सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं, लेकिन कुलथी की दाल सबसे शक्तिशाली मानी जाती है। कुलथी की दाल को संपूर्ण आहार माना जाता है। इसे मार्केट में हार्सग्राम कहा जाता है।
कुलथी के दाल के बहुत फायदे हैं। माना जाता है कि ये दाल खाने से घोड़े जैसी स्फूर्ति आ जाती है। रेस के घोड़ो को ये दाल खिलाई जाती है। सबसे ज्यादा प्रोटीन इस दाल में पाया जाता है। इस दाल को खाने से आपको ऊर्जा मिलती है। वैज्ञानिकों ने भी इसके औषधीय गुणों को स्वीकारा है।
कैसे खाएं
कुलथी की दाल को अंकुरित करके खाया जाए तो अच्छा रहता है। ये दाल हलके भूरे रंग की होती है। अंकुरित करने के लिए इसको पानी में भिगोकर फिर कपड़े में बांधकर रख दीजिए। अंकुरित होने के लिए इसे तीन दिन का समय लगेगा। अंकुरित हुई दाल को कच्ची खाना ही सेहत के लिए फायदेमंद माना गया है। इस दाल को ज्यादा चबाकर खाना चाहिए। कुलथी की दाल खाने से शरीर में गर्मी आ जाती है।
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कुलथी के दाल खाने के फायदे
- किडनी स्टोन को बाहर निकालने का करती है काम।
- इस दाल को खाने से शुगर से राहत मिलती है। ये खाने के बाद शरीर में ब्लड शुगर की अधिकता
- को धीमा कर देती है।
- वेट लॉस करने के लिए कुलथी के दाल का सूप बनाकर पिया जा सकता है।
- इस दाल में फाइबर की अधिकता होती है जो पाचन तंत्र के लिए अच्छा है।
- कुलथी की दाल खाने से कोलेस्ट्राल पर भी काबू पाया जा सकता है।
- फाइबर की अधिकता होने के कारण पेट की बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है।
- कुलथी की दाल की तासीर गर्म होती है। सर्दी-खांसी से बचने के लिए भी इस दाल का प्रयोग किया जाता है।
- कुलथी के दाल का सेवन हार्ट अटैक के खतरे को कम कम कर देता है।
- बवासीर में भी ये दाल लाभकारी मानी जाती है।
- कुलथी के दाल में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जिससे त्वचा पर निखार आ जाता है।
- कुलथी की दाल में कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन, ऊर्जा, जल, मिनरल्स, फॉस्फोरस, आयरन आदि कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को हेल्दी रखने में लाभकारी है।
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कुलथी की दाल के नुकसान
- कुलथी की दाल की तासीर गर्म होती है, इस कारण ये शरीर में गर्मी पैदा कर सकती है।
- पेशाब में रुकावट हो सकती है।
- फाइबर की अधिकता होने के कारण पेट में सूजन भी हो सकती है।