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बरसात के समय में गुड़हल की ग्रोथ अच्छी होती है। समर प्लांट इसको कहा जाता है। गुड़हल, गुलाब, चमेली, अपराजिता, मोगरा इन सभी पौधों को लोग बहुत लगाते हैं। गार्डन इन पौधों के बिना अधुरा लगता है। इन पौधों को लगाने का मजा भी तब है, जब इनसे जबरदस्त फ्लावरिंग हो। 

आज का लेख आपके पसंदीदा गुड़हल पर आधारित है। गुड़हल का फूल काफी सुदंर होता है। इस प्लांट को घर में लगाना शुभ माना जाता है। बरसात के मौसम में थोड़ी सी केयर ये पौधा मांगता है। 

आज हम आपके लिए गुड़हल  में डालने के लिए बेस्ट फर्टिलाइजर लेकर आए हैं। ये फर्टिलाइजर आपके गुड़हल में जादू जैसा काम करेगी। प्लांट की ग्रोथ अच्छी हो रही है। लेकिन फ्लावरिंग नहीं हो रही है, तो आप ये फर्टिलाइजर यूज करें। 

गुड़हल के लिए फर्टिलाइजर

hibiscus

  • गुड़हल में आपको 1 चम्मच नीम खली डालनी है। 
  • एक कटोरी सड़ी गोबर की खाद इसमें देनी है। 
  • इसके बाद 1 चम्मच नींबू से तैयार बायोएंजाइम डालना है।
  • 1 चम्मच केले के छिलकों से तैयार बायोएंजाइम इसमें डालें।  

पौधे में खाद का असर

Red Hibiscus plant

नीम खली आपके पौधों को कीटों और बीमारियों से बचाती है। गोबर की खाद में सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशेयिम की मात्रा होती है। केले के छिलको से बना बायोएंजाइम फूलों लाने के लिए जिम्मेदार है।

इसी के साथ नींबू से तैयार बायोएंजाइम में विटामिन सी होता है। ये कीटनाशक का काम भी करता है। गुड़हल को एसिडिक मिट्टी पसंद है। इसलिए ये मिट्टी को थोड़ा एसिडिक कर देता है। 

खाद देने का तरीका

  • प्लाटं की हल्की सी गुड़ाई कर लें।
  • ऐसा करने पर जड़ों को ऑक्सीजन मिलेगी। 
  • डायरेक्ट गमले में ही आपको सारी चीजें डालनी है। 
  • इसके बाद मिट्टी से इनको कवर कर देना है। 
  • बायोएंजाइम आप पानी में मिलाकर डालें। 

गुड़हल को मिलीबग्स से बचाएं

  • गुड़हल के पौधे पर मिलीबग्स का अटैक होता है। 
  • ये पौधों का रस चूस लेती हैं।
  • इससे पौधे की ग्रोथ प्रभावित होती है। 
  • इसके बचाव के लिए आप बैकिंग सोडा यूज करें। 
  • 1 लीटर पानी में 1 चम्मच बैकिंग सोडा मिलाएं। 
  • इसका स्प्रे आपको पौधों के ऊपर करना है। 

गुड़हल प्लांट की केयर 

  • गमले की मिट्टी सूखने पर पौधे में पानी दें। 
  • पौधे की सॉफ्ट प्रूनिंग करते रहें। 
  • नई टहनियों पर ही फूल आते हैं।
  • पौधे के लिए धूप जरुरी है।
  • फूल नहीं दे रहा है, तो इसकी हार्ड प्रूनिंग कर दें। 

नींबू से ऐसे बनाएं बायोएंजाइम

  • नींबू के छिलकों को धोकर सूखा लें। 
  • बर्तन में नींबू के छिलके, गुड़, पानी मिलाएं। 
  • 10 लीटर पानी में 1 किलो नींबू के छिलके और 1 किलो गुड़ मिलाएं। 
  • इसको ढ़ककर धूप या गर्म जगह पर रखें और रोज हिलाएं। 
  • 90 दिन बाद आपका बायोएंजाइम तैयार हो जाएगा।

केले के छिलकों का बायोएंजाइम

  1. केले के छिलकों को धोकर सूखा लें। 
  2. एक बर्तन में छिलके, गुड़, पानी मिलाएं। 
  3. 1 किलो छिलके, 1 किलो गुड़ और 10 लीटर पानी लें।
  4. बर्तन को ढ़ककर धूप या गर्म जगह में रखें। 
  5. हर दिन इसको हिलाते रहना है। 
  6. 90 दिन बाद आपका बायोएंजाइम तैयार हो जाएगा। 

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