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Biochar in plants-पौधों को हेल्दी रखने के लिए मिट्टी का हेल्दी होना जरुरी है। मिट्टी में तरह-तरह के प्रयोग कर इसको उपजाऊ बनाया जाता है। बागवानी में आपको सफल होना हैं, तो आपको मिट्टी का उपचार कैसे करना है, इसकी जानकारी होना जरुरी है। मिट्टी का सबसे अहम रोल है। मिट्टी अगर काबिल नहीं होगी, तो आपके पौधे ज्यादा दिन नहीं चलेंगे। 

मिट्टी को हेल्दी बनाने के लिए लोग तरह-तरह की चीजें इसमें मिलाते हैं। चारकोल या बायोचार का प्रयोग बागवानी में  लोग करते हैं। आज हम आपको बायोचार यानि चारकोल का प्रयोग कैसे बागवानी में आपको करना है, इसकी जानकारी देगें। 

क्या होता है बायोचार (what is biochar)

बायोचार एक प्रकार से चारकोल है। ये बायोमास के ऊष्मीय अपघटन द्वारा बनाया जाता है। बायोचार को बनाने के लिए  ऑक्सीजन का उपयोग नहीं होता। बायोचार का प्रयोग आमतौर पर कार्बन पृथक्करण और मृदा स्वास्थ्य लाभ दोनों के लिए किया जाता है। हम कह सकते हैं कि मृदा कंडीशनर के रूप में बायोचार उपयोगी है। बायोचार जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक सरल लेकिन शक्तिशाली उपकरण हो सकता है।

पौधों में बायोचार प्रयोग करने के लाभ (Benefits of using biochar in plants)

  • बायोचार मिट्टी को हवादार बनाने में योगदान देता है।
  • इससे मिट्टी में जलधारण की क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
  • ये पोषक तत्वों को बांधकर रखता है, जिससे पौधों को सही मात्रा में पोषण मिलता है।
  • पौधों की बढ़ोतरी करने के साथ ये इनको हेल्दी रखता है। 
  • मिट्टी में सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाता है। 
  • कुछ हानिकारक रोगाणुओं को बायोचार द्वारा दबाया जा सकता है। 
  • पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को ये बढ़ाता है। 
  • मिट्टी के ऊपर इसकी परत बनाकर खरपतवार से निपटा जा सकता है।

बायोचार बनाने का तरीका (method of making biochar)

  1. जैविक पदार्थों को गर्म करके बायोचार बनाया जा सकता है। 
  2. बायोचार आप किसी दुकान से भी खरीद सकते हैं। 
  3. पत्तियां, लकड़ी या अन्य कार्बनिक पदार्थो  को जलाकर बायोचार बनाएं। 
  4. बता दें कि बायोचार मानव द्वारा बनाया गया होता है, जबकि कोयला प्राकृतिक रुप से बना पदार्थ है। 
  5. बायोचार में अधिक हाइड्रोजन और ऑक्सीजन होती है, जबकि कोयले में अधिक कार्बन होता है।
  6. कोयला प्राचीन वनस्पतियों और जानवरों के अवशेषों से प्राकृतिक रूप से बनता है।
  7. बायोचार का प्रयोग मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने में किया जाता है बल्कि कोयला सिर्फ जीवाश्म ईंधन है।

पौधों में बायोचार प्रयोग करने का तरीका (Method of using biochar in plants)

  1. आप पौधा लगाने से पहले या मौसम बदलने के साथ इसको मिट्टी में मिला सकते हैं। 
  2. बायोचार का प्रयोग आपको धीरे-धीरे पौधों में करना है, बाद में मात्रा बढ़ा सकते हैं। 
  3. सभी पौधे बायोचार को पसंद नहीं करते हैं, इस बात का ध्यान रखें। 

कौन से पौधों में बायोचार का प्रयोग कर सकते हैं (In which plants biochar can be used)

वेजिटेबल और फ्रूट प्लांट्स- टमाटर, मिर्च, बैंगन, स्ट्रॉबेरी, रास्पबेरी, ब्लूबेरी,जैसे फल और सब्जियों में बायोचार डाला जा सकता हैं।
फूल वाले पौधे- गुलाब, डेज़ी, गेंदा, और सूरजमुखी जैसे फूल भी बायोचार से अच्छी ग्रोथ करते हैं।
सजावटी हाउसप्लांट्स – एरेका पाम, स्नेक प्लांट, मनी प्लांट, और पीस लिली जैसे पौधों में भी बायोचार का उपयोग कर सकते हैं।

बायोचार का पौधों में प्रयोग करते समय बरतें सावधानी (Be careful while using biochar on plants)

  • ज्यादा मात्रा में इसका प्रयोग मिट्टी में पोषक तत्वों की मात्रा में असंतुलन पैदा कर देता है। 
  • बायोचार पानी को जल्दी सोखता है, इसलिए पौधों में नमी का ध्यान आपको रखना पड़ेगा। 
  • अम्लीय मिट्टी में इसका प्रयोग थोड़ा कम लाभकारी है, क्योंकि ये मिट्टी को ज्यादा अम्लीय बना सकता है।
  • सभी बायोचार एक समान रिजल्ट सभी पौधों में नहीं देते हैं, इसलिए थोड़ा प्रयोग करके आपको देखना है। 
  • दुकान से खरीदें तो ये बोलें कि पौधों में डालने के लिए बायोचार दें। 

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