Best out of waste: गार्डनिंग में कबाड़ से जुगाड़ होना आम बात है। लेकिन पूरा का पूरा गार्डन ही कबाड़ से तैयार करना सामान्य नहीं है। लेकिन ऐसा कर दिखाया है मेरठ की रहने वाली सुरभि यादव ने। सुरभि का गार्डन का 99 फीसदी हिस्सा कबाड़ से जुड़ा है। वहीं एक फीसदी ही उन्होंने पैसा खर्च किया है। इस गार्डन में अधिकतर पौधे भी कटिंग से तैयार किए गए हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर बिना खर्च के गार्डन कैसे तैयार किया जा सकता है। सुरभि ने गार्डन में किस तरह के कबाड़ का प्रयोग किया है। आखिर पीएचडी कर रही सुरभि ने गार्डनिंग की दुनिया में कदम कैसे रखा।
कैसे है फ्री का गार्डन( How is the free garden?)
- पेंट के डब्बे, बोतल, बाल्टी, बकेट से तैयार किए हैं प्लांटर
- घर पर ही तैयार करती हैं किचिन कम्पोस्ट
- कटिंग से लगाएं हैं सभी प्लांट
- रसोई की चीजों से ही तैयार करती हैं बायोएंजाइम
- घर पर ही तैयार करती हैं पेस्टिसाइड
कबाड़ से जुगाड़ का नमूना है ये गार्डन(This garden is an example of Best out of waste)
सुरभि ने गार्डन में गमले खरीदने पर पैसा व्यर्थ नहीं किया है। प्लांटर के तौर पर पेंट के डब्बे, कोल्डड्रिंक की बोतल, बाल्टी, टूटी बकेट आदि का प्रयोग किया गया है। गार्डन को खूबसूरत बनाने के लिए बोतल, टूटे बर्तन आदि से डेकोर पीस तैयार करती हैं। सुरभि ने बताया कि बहुत ही कम पैसे में अच्छा गार्डन तैयार किया जा सकता है। इसके लिए हमें पैसे की जगह रचनात्मकता की ओर ध्यान देनी की जरूरत होती है।
कटिंग से लगाएं हैं सभी प्लांट(All plants are planted from cuttings)
इस गार्डन में पौधों के ऊपर भी पैसा खर्च नहीं किया गया है। इस गार्डन सैकड़ों पौधे हैं। यकीन करना मुश्किल होगा कि सभी पौधे कटिंग से तैयार किए गए हैं। कटिंग से पौधे लगाने के संबंध में बात करते हुए सुरभि ने बताया कि उन्होंने गार्डन की शुरुआत में बहुत से पौधों की कटिंग सामुदायिक स्थानों से ली। जिसमें हॉस्पिटल, पेट्रोल पम्प, पार्क आदि शामिल हैं। वह पर्पल हार्ट को पेट्रोल पम्प से लेकर आई थी। अब उनके गार्डन में ढेरों पर्पल प्लांट हैं।
घर पर ही तैयार करती हैं खाद और बायो एंजाइम(Prepares fertilizer and bio enzymes at home)
गार्डन के लिए सुरभि कभी भी खाद नहीं खरीदती हैं। उनका कहना है कि उन्होंने आज तक बाजार से कोई भी रासायनिक पेस्टिसाइड नहीं खरीदा है। वह घर पर ही किचिन कम्पोस्ट से खाद, रसाई के कचरे से ही अलग-अलग तरीके से बायोएंजाइम तैयार करती हैं। इसके साथ ही वह पौधों के लिए जीवामृत भी तैयार करती हैं। गर्मी में इस जीवामृत की वजह से ही उनका गार्डन हरा भरा है।
सास की याद में तैयार किया है गार्डन(Garden has been prepared in memory of mother-in-law)
सुरभि का कहना है कि वह अपनी सास को बेहद प्यार करती थी। कोरोना काल में उनका अंतकाल हो गया। लेकिन सुरभि ने उन्हें अपने नजदीक रखने के लिए उनके सामान को इस गार्डन में सजाया है। उनका कहना है कि मेरी सासु मां की यादें अब इस प्रकृति के साथ मिलकर हमेशा मेरे साथ रहेंगीं।
सोशल मीडिया पर प्लांटर्स हैं वायरल (Planters are viral on social media)
सुरभि का गार्डनिंग चैनल भी हैं। वह इंस्टाग्राम व यूट्यूब लोगों को गार्डनिंग टिप्स देती हैं। सुरभि कबाड़ से जुगाड़कर सुंदद प्लांटर व DIY तैयार करती हैं। उनके अधिकतर DIY सोशल मीडिया पर वायरल हैं। सुरभि के काम को देखते हुए लोग उन्हें DIY बनवाने के ऑर्डर देने लगे हैं।
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वीडियो में देखें गार्डन