जैसे ही कोई बीमार होता है तो डॉक्टर सबसे पहले उसने क्या खाया यह पूछता है। दवाइयों से ज्यादा परहेज पर ध्यान दिया जाता है। क्योंकि परहेज नहीं करने पर दवाइयां बेअसर हो जाती हैं। इस दौरान सबसे पहले चिकनाई वाले भोज्य पदार्थ( oily food) बंद कर दिऐ जाते हैं। ऐसे में दाल रोटी ही डॉक्टर द्वारा सजेस्ट की जाती है। साथ ही FAST FOOD और बाजार की चीजों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। ऐसे में मरीज इन चीजों के बंद होने पर और ज्यादा बीमार होना महसूस करने लगता है। इस वजह से डॉक्टर पर जाने से डरता है।
वहीं कोई ऐसा डॉक्टर जो आपको बोले कि दाल रोटी बंद छोले भटूरे खा, तो स्वाद ही आ जाए। बीमार होने पर इसी डाॅक्टर के पास हर कोई पहुंचेगा। यह मामला अलीगढ़ का है। जब होली के त्योहार के नजदीक आते ही एक 15 साल की लड़की की तबीयत खराब हो जाती है। वो भी ऐसे त्योहार पर जब घर में छोले भटूरे, दही बडे़, गोलगप्पे बनना तय है। वह जानती थी कि यदि उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया तो वह ऑइली फूड खाने से मना कर देगा। लेकिन तबीयत ज्यादा खराब होती देख उसके माता पिता ने उसे तत्काल पड़ोस में ही बने अस्पताल में भेज दिया। जो उसने सोचा था वही हुआ। डॉक्टर ने उसे दवाईयों के साथ ठंडे पानी, पेप्सी और ऑइली फूड यानि छोले भटूरे, दही बड़े और गोलगप्पे न खाने की नसीहत दे डाली।
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फिर रच दी नई पटकथा
डॉक्टर के दवाई देने के बाद लड़की ने घर का रास्ता पकड़ा। आंखों के सामने गर्म गर्म छोले भटूरे तैर रहे थे। वहीं पीछे से ठंडे दही बड़े। गोलगप्पे की खटास का क्या ही कहना। लेकिन सब बुखार के कारण धरा का धरा रह गया। अब क्या किया जाए। ऐसे में उसने सोचा कि डॉक्टर ने उसे क्या कहा है यह उसके मां बाप काे तो नहीं पता। तो टेंशन किस बात की। उसने अपने दिमाग में नई पटकथा रच ली।
रोटी बंद छोले भटूरे खा
घर पहुंचते ही उसकी मां ने उससे डॉक्टर की दवाइयों के बारे में पूछा। जिसके जबाव में उसने कहा कि डॉक्टर ने दवाईयां दे दी हैं। कहा है कि कोई बड़ी बात नहीं है। मां बोली कि बेटी कोई परहेज बताया है। वह बोली हां…। डॉक्टर ने कहा कि दाल रोटी बंद छोले भटूरे खा….।
तो क्या हुआ त्योहार पर
दुनिया में हर कोई किसी को भी बेवकूफ बनादे लेकिन मां को फंसाना मुश्किल है। उस समय उसकी मां ने कुछ नहीं बोला, लेकिन इस त्योहार पर घर में न तो छोले भटूरे बने और न ही दही बड़े। इस त्याैहार पर घर में दाल रोटी ही बनी। जिन्हें मजबूरन सभी ने खाया।
इन्होंने बयां किया किस्सा
अंशू जादौन
अलीगढ, उत्तर प्रदेश
😀👍
Bahut Khub
Chhole bhature is my favorite…Good Story….👍