Turmeric in plants- हम गार्डन में हम पौधों के रखरखाव के लिए कई प्रकार के घरेलू नुस्खे अपनाते हैं। किचिन में पाई जाने वाली कई सामग्री हमारे पौधों के लिए हेल्दी होती है। ये पौधों में नई जान डालने का काम करती है। हल्दी हर घर में पाई जाती है और इसका इस्तेमाल भी हर कोई करता है।
हल्दी में कई सारे ऐसे गुण होते हैं, जो हमें बीमारियों से दूर रखने का काम करते हैं। हल्दी इंसान का घाव भरने का काम करती है और साथ में चेहरे पर भी चमक लाती है। हल्दी का प्रयोग पौधों में भी किया जाता है। इस आर्टिकल में जानते हैं, कि हल्दी का पौधों में किस प्रकार प्रयोग होता है और ये क्या लाभ पहुंचाती है।
पौधों में हल्दी का प्रयोग
गमले की मिट्टी में पोषक तत्व की कमी हो गई है, तो हल्दी डालने से ये पूरी हो जाती है। हल्दी में कई ऐसे गुण हैं, जो पौधों को रोगमुक्त रखने के साथ इनका विकास करती है। चलिए जानत हैं पौधों में हल्दी डालने से क्या फायदे होते हैं।
पौधों में हल्दी डालने के फायदे
फंगल रोगों से छुटकारा दिलाती है
- हल्दी में एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं।
- ये पौधों को फंगल रोगों से दूर रखती है।
- पौधों की हेल्थ और ग्रोथ सही रखती है।
- फंगल रोग पौधों की ग्रोथ को कम करता है और हल्दी इसे ठीक करती है।
- फंगल रोग से पौधा मुरझा जाता है और पत्तियों पर धब्बे पड़ जाते हैं।
- खस्ता फफूंदी, पत्ती धब्बा, डैम्पिंग-ऑफ रोग और जड़ सड़न फंगल रोगों से हल्दी पौधों का बचाव करती है।
कीटों से पौधे को दूर रखती है
- इसमें ऐसे यौगिक तत्व होते हैं, जिनमें कीट-विकर्षक (Insect-Repellent Properties) के गुण पाए जाते है।
- हल्दी गार्डन में कीट नियंत्रण के तौर पर इस्तेमाल की जाती है।
- पौधों को चींटी, एफिड्स और बीटल जैसे कीटाणुओं से रक्षा करती है।
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मिट्टी को बेहतर बनाती है
- हल्दी में कार्बनिक पदार्थ और पोषक तत्व होते हैं।
- ये मिट्टी की संरचना और उर्वरता को बेहतर बनाती है।
- इससे मिट्टी पहले की तुलना में ज्यादा पावरफूल हो जाती है।
- मिट्टी में पनपने वाले कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
- ये मिट्टी में सूक्ष्मजीवी गतिविधियों को बढ़ावा देती है।
पौधों की सहनशक्ति बढ़ती है
- हल्दी से पौधों की सहनशक्ति बढ़ती है।
- यानि पौधों में सर्दी, गर्मी के तनावों को सहन करने की शक्ति आती है।
- इसको डालने से पर्यावरणीय तनाव सहन करने में पौधों को मदद मिलती है।
- बायोएक्टिव यौगिक (Bioactive Compounds) पौधों में तनाव प्रतिक्रिया आसान कर सकते है।
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बीज उपचार करने में हल्दी फायदेमंद
- बीज बोने से पहले बीज उपचार हर कोई करता है।
- बीज बोने से पहले बीज को हल्दी के घोल में उपचारित करना सही होता है।
- इससे बीज सड़न, मैक्रोफोमिना, फ्यूजेरियम या राइजोक्टोनिया जैसे रोगों का खतरा नहीं होता।
- इससे बीज जर्मिनेशन में सुधार होता है।
हल्दी पौधों की जड़ प्रणाली बेहतर बनाती है
- पौधों में हल्दी डालने पर ये रुट ग्रोथ को उतेजित करती है।
- इससे जड़ प्रणाली मजबूत होती है।
- जड़ सड़न जैसे रोग से हल्दी पौधे का बचाव करती है।
पत्तियों की रक्षा करती है हल्दी
- ये पत्तियों की प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाती है।
- पत्तों पर लगने वाले कीटों और रोगों से छुटकारा मिलता है।
- आप अन्य पौधों के साथ हल्दी का पौधा लगाएं, तो बेस्ट रहता है।
- ये कीटाणुओं को आने से रोकता है।
- अन्य पौधों को सुरक्षा मिलती है।
पौधों में हल्दी का प्रयोग कैसे करें
हल्दी घोल का स्प्रे
- प्रति गैलेन पानी में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं।
- हल्दी पाउडर को अच्छे से पानी में घोलें।
- तैयार किए घोल को स्प्रे बोतल में भरें।
- इसका प्रयोग पौधों की पत्तियों पर ऊपर और नीचे दोनों तरफ करें।
- 15 दिन के अंतराल में पत्तियों पर स्प्रे करें।
मिट्टी में हल्दी मिलाएं
- ग्रो बैग या गमले में चारों तरफ हल्दी पाउडर डालकर मिट्टी में मिलाएं।
- पौधा लगाते समय मिट्टी तैयार करते समय इसको मिलाएं।
- मिट्टी में हल्दी मिलाने से पौधा कई रोगों से बच जाता है।
जैविक खाद के साथ हल्दी का प्रयोग
- पौधा लगाते समय जैविक खाद में हल्दी मिलाएं।
- हल्दी का प्रयोग जैविक खाद के साथ करने से पोषक तत्वों की बढ़ोतरी होती है।
- पौधे में खाद डालने के बाद ऊपर से भी ये छिड़की जा सकती है।
- पानी में घोलकर भी पौधों की जड़ों में इसको डाला जा सकता है।
इस प्रकार से आप पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए हल्दी का इस्तेमाल जरुर करें। बीज लगाने से पहले हल्दी से इसे 6-7 घंटों के लिए भिगोएं और फिर इसे लगाएं। इसी के साथ मिट्टी में हल्दी के घोल को मिलाएं और पत्तियों पर इसका स्प्रे जरुर करें।
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