आज के समय में जहां घरों में एक पेड़ लगाने के लिए भी जगह नहीं बची है। वहीं फरीदाबाद की शारदा गोदारा ने अपने घर में 50 से 60 गार्डन बना दिए हैं। यह गार्डन का मिनी रूप हैं। यानि ट्रे गार्डन बनाए गए हैं। सभी गार्डन उनके जीवन की यादों, त्योहारों, उनकी मां एवं बच्चों से जुड़े हुए हैं। शारदा गोदारा का कहना है कि उनके बच्चे पढ़ लिख कर विदेश में नौकरी के लिए जा चुके हैं। अब उनके पास काफी खाली वक्त रहता है। ऐसे में उन्हें अपनी क्रिएटिविटी को उकेरने का अच्छा वक्त मिलता है।
मां की याद में बनाए ट्रे गार्डन
शारदा का कहना है कि उनका गार्डनिंग का शौक मां की याद में शुरू हुआ है। उनकी मां का कुछ साल पहले ही स्वर्गवास हो गया। शादी के बाद वे अपनी जिम्मेदारियों की वजह से अपनी मां से ज्यादा मिल नहीं पाती थी। वह अपने बच्चों को अच्छी पोस्ट पर पहुंचाकर फ्री हुई तो उनकी मां का स्वर्गवास हो गया। अब वह खुद को अकेला महसूस करने लगी। उनका कहना है अब वे फ्री हैं। उनका दिल करता है कि मैं भी अपनी मां के पास रहूं। उनके साथ बैठूं। जिंदगी के उतार चढ़ाव अपनी मां से बयां करूं। मां की भी सुनू। लेकिन अब मां ही साथ ही नहीं है। ऐसे में उन्होंने अपनी यादों, अपने विचारों को मंच देने के लिए के प्रकृति के इस अनौखे रूप को चुना। जिसमें वह मिट्टी के साथ जुड़ती हैं, पेड़ों को बढ़ता देखती हैं, सूखते पत्तों को टहनियों से अलग होता देखती हैं और उन्हें मिट्टी में मिलते हुए देखती हैं। यानि वह गार्डनिंग के शौक जीवन के विभिन्न रुपों को जीती हैं।
घर में हैं 1000 से ज्यादा पौधे
शारदा के घर में एक हजार से ज्यादा पेड़ पौधे हैं। जिनमें 50 से ज्यादा ट्रे गार्डन हैं। उनके पास कई यूनीक वैरायटीज के प्लांट हैं। उनके पास हर एक मौसम के प्लांट हैं। वह दिन का अधिकतर वक्त पेड़-पौधों के साथ बिताती हैं। वह कहती हैं कि सुकून की राह पर उन्हें ये पौधे ले जाते हैं। वह खुद ही इनकी केयर करती हैं। वह इन पौधों को घर में अकेला छोड़कर नहीं जाती। अपने पीछे किसी-न-किसी को इनकी जिम्मेदारी देकर जाती हैं।
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पौधों से करती हैं बातचीत
शारदा में एक बेहद खास खूबी है। वह इन पौधों को अपने बच्चों की तरह मानती हैं। वह कोई काम करने से पहले 10 मिनट अपने बगीचे में बिताती हैं। यहां तक कि उनके हाल चाल जानती हैं। वह पौधों से बातचीत करना पसंद करती हैं। वह कहती हैं कि उनके परिवार की स्थिति बयां करने के लिए उनका गार्डन ही काफी है। हरे भरे पौधे, रंग बिरंगे फूल इस बगीचे के साथ मेरे परिवार के हालचाल बता देते हैं।
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