गर्मी से राहत पाने के लिए इंसान ठंडी चीजों का सेवन करते हैं। वहीं हमारे पौधों को भी गर्मी लगती है। ऐसे में हमें उन्हें भी ठंडक देने वाली खादें देनी चाहिए। दरअसल गर्मियों में, मिट्टी का तापमान बहुत बढ़ जाता है, जिससे पौधों की जड़ों को नुकसान हो सकता है। इस मौसम में ज्यादा गर्मी के कारण, कई पौधे जल जाते हैं या फिर सूखने लगते हैं। ठंडी खाद मिट्टी का तापमान नियंत्रित रखने में मदद करती है, जिससे पौधों को गर्मी से बचाया जा सकता है।
इस लेख में हम आपको पौधों के लिए ठंडी खाद के विकल्प बताएंगे। साथ ही ठंडी खाद बनाने व डालने का तरीका भी बताएंगे। पूरी जानकारी के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।
ये हैं पौधों के लिए बेस्ट ठंडी खाद
ठंडी खाद कई प्रकार की हो सकती है, जो पौधों को ठंडक देती हैं व पोषक तत्वों से भरपूर होती है।
- वर्मी कम्पोस्ट (Vermicompost): यह केंचुओं द्वारा तैयार की गई खाद है। वर्मीकम्पोस्ट में पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है और यह मिट्टी की जल धारण क्षमता को भी बढ़ाती है। जिससे पौधों में ठंडक रहती है। वर्मी कम्पोस्ट पौधों को अच्छी गुणवत्ता वाले पोषक तत्व भी प्रदान करता है।
- गोबर कम्पोस्ट (Cow Dung Compost): यह सबसे आसानी से उपलब्ध ठंडी खाद है। गोबर की खाद पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है और मिट्टी की उर्वरता में सुधार करती है। यह पौधों को नाइट्रोजन, पोटाश, फॉस्फेट, और अन्य पोषक तत्व प्रदान करती है।
- हरी खाद(Green compost): यह हरी पत्तियों, घास, और अन्य जैविक पदार्थों से तैयार की जाती है। हरी खाद मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा बढ़ाती है और मिट्टी की उर्वरता में सुधार करती है। जड़ों में ठंडक रखती है।
- कोम्पोस्ट चाय (Compost Tea): यह एक प्रकार की पानी में घुली हुई कम्पोस्ट है, जो पौधों को तत्विक पोषण प्रदान करता है। इसके लिए किचिन कम्पोस्ट का घोल या वर्मीकम्पोस्ट घोल ले सकते हैं।
- लिक्विड फर्टिलाइजर (Manure Teas): इसमें गोबर, या अन्य प्राकृतिक खाद से तैयार लिक्विड फर्टिलाइजर हैं। जो पौधों को अधिक पोषक तत्वों से पूर्ण करती हैं। गोबर का लिक्विड फर्टिलाइजर तैयार करने के लिए उपलों या सीधे गोबर को पानी में भिगो दें। दो दिन बाद इस पानी के साथ और पानी मिलाकर पौधों में दें।
- केले के छिलके की खाद: केले के छिलके में पोटेशियम और अन्य पोषक तत्व होते हैं। इसके लिए केले के छिलके की तरल खाद बनाएं। इसे मिट्टी में मिलाने से पौधों को पोषण मिलता है।
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नीम की खली: यह नीम के बीजों से प्राप्त होती है। नीम की खली पौधों को रोगों और कीटों से बचाने में मदद करती है। साथ ही यह मिट्टी का तापमान नहीं बढ़ाती है। यह ठंडी खाद की सूची में आती है।
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छाछ( buttermilk): दही का पानी या छाछ एक प्राकृतिक खाद है जो पौधों को कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व प्रदान करता है। इसके लिए छाछ में पानी मिलाकर दो दिन रखें। इसके बाद पौधों में दें।
ये केवल कुछ उदाहरण हैं और वास्तव में, अनेक अन्य प्रकार की ठंडी खादें भी हैं जो पौधों के लिए उपयुक्त होती हैं। ठंडी खाद का चयन पौधों के आवश्यकताओं, उपयोग के संदर्भ, और स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर किया जाना चाहिए।
गर्मी में खाद देते समय इन बातों का रखें ध्यान
- गर्मी के मौसम में ठंडी खाद का इस्तेमाल करें।
- रासायनिक खादों का इस्तेमाल न करें।
- सुबह या शाम के समय खाद दें जब तापमान कम हो।
- बारिश के बाद खाद देना सबसे अच्छा होता है।
- ज़्यादा खाद न दें, इससे पौधों की जड़ें जल सकती हैं।
- खाद को मिट्टी में अच्छी तरह मिलाएं।
- खाद देने के बाद पौधों को अच्छी तरह पानी दें।
- मिट्टी को नम रखें।
- खाद देने के बाद पौधों की निगरानी करें।
- यदि कोई नकारात्मक प्रभाव दिखे तो तुरंत खाद देना बंद करें।