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लोगों में किचिन गार्डनिंग का क्रेज बढ़ रहा है। छत या बाल्कनी की छोटी सी जगह में ही लोग सब्जियां लगा रहे हैं। लेकिन कम जगह में सब्जियों के पौधे लगाने पर सीमित ही सब्जियां ही मिल पाती हैं। जिसकी वजह से लोगों की एक समय की भी सब्जी भरपूर नहीं हो पाती है। ऐसे में लोगों को बाजार से भी सब्जियां खरीदनी पड़ती हैं। इस स्थिति में लोगों का मानना होता है कि जब उन्हें बाजार से सब्जियां खरीदनी पड़ रही हैं तो वह किचिन गार्डनिंग में अपना समय क्यों बर्बाद करें। 

लेकिन हम आपको इस लेख में ऐसी सब्जियों के विकल्प बताएंगे जिन्हें गमलों में लगाया जा सकता है। साथ ही एक ही पौधे पर भरपूर सब्जियों की पैदावार होती है। इस स्थिति में बाजार से सब्जियां खरीदने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। 

1. टमाटर- Tomato

टमाटर बिना सब्जियां अधूरी हैं। ग्रेवी बनाने के लिए टमाटर का प्रयोग किया जाता है। लेकिन अगर घर में सिर्फ एक टमाटर का भी पौधा है तो टमाटर की जरूरत को पूरा किया जा सकता है। टमाटर के पौधे को गमले में उगाया जा सकता है। सर्दी या गर्मी हर मौसम में फ्रूटिंग मिलती रहती है। ऐसे में घर में टमाटर का पौधा जरूर लगाएं। 

2. हरी मिर्च

मिर्च को भी आसानी से उगाया जा सकता है। मिर्च का एक पौधा ही एक परिवार की जरूरत को पूरा कर सकता है।  12 इंच के गमले या ग्रो बैग में इसका एक पौधा लगाया जा सकता है। पौधे की पिंचिंग करके आप अच्छी पैदावर ले सकते हैं। इस पौधे को बहुत ज्यादा केयर की भी जरूरत नहीं होती है। 

3.बैंगन

छत पर या बाल्किनी में बागवानी करने वालों को बैंगन सबसे प्रिय है। इसे उगाना आसान है। इसके भी एक या दो पौधों पर भरपूर बैंगन आते हैं। अगर घर में बैेंगन का पौधा है तो कभी भी बाजार से बैंगन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है। बैंगन कई वैरायटी भी आती हैं। बैंगन भी गर्मियों में लगने वाली सब्जी है। आप इसे अप्रैल में लगा सकते हैं। पहले इसकी पौध तैयार करनी होती है, जिन्हें तैयार होने में 15 से 20 दिन का समय लग जाता है। ज्यादा धूप में होने वाली सब्जी है।

4. करेला

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करेला सिर्फ सब्जी ही नहीं बल्कि एक औषधि है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग करेला खाना बेहद पसंद करते हैं। इस सब्जी को छत पर उगाना बेहद आसान है। इसे एक गमले में लगाया जा सकता है। यह बेल वाली सब्जी है। इसकी लताओं में ज्यादा वजन भी नहीं होता है। हल्का सा सहारा देकर इस बेल को बढ़ाया जा सकता है। हैंड पॉलिनेशन कर करेले पर ज्यादा पैदावार ली जा सकती है।  इसका आप बीज लगा सकते हैं। 18 इंच के ग्रो बैग या गमले में एक बीज लगाकर 40 से 60 दिन में इसकी पैदावर ले सकते हैं।

5. पालक

पालक एक हरी पत्तेदार सब्जी है। पालक की सब्जी को सबसे गुणकारी माना जाता है। खास बात है कि यह सबसे जल्दी तैयार होने वाली फसल है। यह सब्जी करीब 30 से 35 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। पालक उगाने के लिए किसी भी तरह की खास मिट्टी की जरूरत नहीं होती है। एक बार हार्वेस्टिंग करने के बाद कुछ ही दिनों में यह फिर से तैयार हो जाती है। ऐसे लंबे ग्रो बैग में उगाया जा सकता है। 

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6. शिमला मिर्च

सलाद हो या सब्जी शिमला मिर्च का उपयोग सबसे अधिक किया जाता है। इसे आसानी से छत पर उगाया जा सकता है। एक ही शिमला मिर्च के पौधे पर भरपूर मिर्च आती हैं जो एक परिवार के लिए काफी होती हैं। ऐसे में अपने घर के गमले या ग्रो बैग में शिमला मिर्च की सब्जी जरूर उगाएं। मौसम से अनुसार शिमला मिर्च की खेती वर्ष में 3 बार की जा सकती है। जून-जुलाई में इसके बीज लगाना चाहिए। 

7. लौकी

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लाैकी की सब्जी में बहुत ज्याद कैमिकल का प्रयोग किया जाता है। लौकी का साइज बढ़ाने के लिए इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है। यह बेहद खतरनाक है। ऐसे में घर में ही लौकी उगाना सबसे अच्छा विकल्प है। साथ ही लौकी को आसानी से एक गमले में उगाया जा सकता है। इसके साथ ही लौकी बेल वाली सब्जी है। जिससे यह ऊपर की ओर बढ़ती है। अगर हम इसपर पिंचिंग करते रहें तो बहुत ज्यादा लौकी की पैदावार होती है। 

8.धनिया

पत्तेदार सब्जियाें में हर दिन धनिया प्रयोग किया जाता है। किसी भी सब्जी में गार्निश करने के लिए धनिया चाहिए होता है। धनिया उगाना सबसे ज्यादा आसान है। इसका बीज खरीदने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। बाल्कनी में भी आसानी से उगाया जा सकता है। 

9.खीरा

सलाद के तौर पर हम हर दिन खीरा खाते हैं। खीरों पर भी अधिक कैमिकल डाला जाता है। ऐसे में एक गमले में ही घर में ही खीरे उगाए जा सकते हैं। यह भी क्रीपर वेजिटेबल है। खीरे की एक ही बेल पर अच्छी पैदावार होती है। 

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10.टिंडा

टिंडा भी आप 18 इंच के गमले में लगा सकते हैं। ये 50 से 60 दिन में तोड़ने के लिए तैयार हो जाता है। टिंडा तोड़ते समय ध्यान देने वाली बात ये है कि आप इसका साइज ज्यादा बड़ा न होने दें। क्योंकि इससे स्वाद में फर्क हो जाता है।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • गमले के लिए अच्छी मिट्‌टी तैयार करें
  • जलनिकासी वाली मिट्‌टी बनाएं
  • मिट्‌टी में वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद का इस्तेमाल करें
  • किचिन वेस्ट से कंपोस्ट तैयार करें
  • रसोई के वेस्ट से ही वायोएंजाइम तैयार करते रहें। 
  • ज्यादा पैदावार के लिए पिंचिंग करें।
  • गुढ़ाई का विशेष ध्यान रखें। 

NOTE: यदि आपको वर्मीकम्पोस्ट खाद, वायोएंजाइम तैयार करना, पिंचिंग करना नहीं आता है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं इसके लिए विशेष लेख लिखा जाएगा। 

 

 

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