शादी दो व्यक्तियों की आपसी समझ से चलने वाला रिश्ता है। माना जाता है कि इस शादी रुपी गाड़ी के दोनो पहिए यानि पति और पत्नी को संमानतर होना चाहिए। एक समान है तो ये गाड़ी अच्छे से चलेगी। लेकिन समाज ने ये धारणा बना रखी है कि बच्चों की परवरिश मां अकेली ही करेगी।
बच्चे को खाना खिलाना, पोटी साफ करनी, उसको पढ़ाना उसका नहलाना यानि बच्चे के जो भी काम है वो महिला ही करेगी। आपने बहुत कम ही ऐसा देखा होगा जब पुरुष ये सब काम करता है। विपरित परिस्थितियों में ही पुरुष ऐसा करता पाया जाता है। समाज में ये धारणा बनी हुई है कि बच्चे की परवरिश महिला ही करेगी पुरुष नहीं तो चलिए जानते हैं असली बात में क्या ये धारणा सही है।
समय के साथ बदल रही है धारणा- संदीप शर्मा
हैदराबाद से संदीप का कहना है कि समय के साथ धारणा बदल जाती है। आज के युग में मां और बाप को बच्चों को बराबर लेकर ही चलना होता है। आज के युग में बच्चों के लिए दोनों का प्यार और समय बहुत जरूरी है। नहीं तो बच्चा भटक जाता है। बच्चे का स्वभाव भी चिड़चिड़ा और जिद्दी हो जाता है। इसलिए दोनों को मिलकर ही बच्चे का पालन पोषण करना चाहिए और पुरानी धारणाओं को भूल जाना चाहिए।
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धारणा को बदलने की है जरुरत- उर्मिला शर्मा
फरीदाबाद से उर्मिला शर्मा का कहना है कि ये धारणा समाज में बहुत पहले से ही बनी हुई है कि बच्चे की परवरिश मां ही करेगी। बच्चे के सारे काम उसे ही करने है। पति को बाहर के कार्य सौंपे गए थे। वो बाहर जाकर अपने परिवार के लिए कमा कर लाता था, लेकिन आज समय बदल गया महिला भी बाहर जाकर कमाने लग गई है। समय तो बदल गया समाज की बनाई हुई धारणा नहीं बदली इस बदलने की जरुरत है। आज भी लोग वहीं अटके है।
पुरुष नहीं कर सकते अच्छी परवरिश- दिव्या
लुधियाना से दिव्या का कहना है कि जब वो एक दिन भी अपने बच्चों को उनके पापा के भरोसे छोड़कर चले जाते हैं, तो आने पर दुगुना काम करना पड़ता है। सब कुछ बिखरा हुआ मिलता है। पापा भी बच्चों के साथ बच्चा बन जाता है। पुरुष को बच्चे की अच्छे से देखभाल करनी नहीं आती है। बहुत कम ही लोग ऐसे हैं जो एक महिला की तरह केयर कर पाते हैं। बच्चे के छोटे-छोटे काम भी पुरुषों के लिए चुनौती बन जाते हैं।
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पुरुषों को बच्चों की पोटी से भी आती है घिन्न
महिलाओं का कहना है कि बच्चों को पालना औरतों के बस का काम है। मर्दों से ये काम नहीं होता। बहुत से पापा तो ऐसे होते हैं, जिनके पास बच्चा पोटी कर देता है तो वो उल्टियां करने लगते हैं। जबकि मां के साथ ये नहीं होता। मां के खाना खाते समय भी बच्चा अगर पोटी कर देता है तो वो इसे बिना घिन्न किए साफ करती है। मां और बच्चे का रिश्ता सच में बेहद खुबसूरत है। हालांकि प्यार अपने बच्चों से पापा भी बहुत करते हैं, लेकिन संभालने के मामले में वो कच्चे हैं।
बच्चा जगने पर पति पीठ फेरकर सो जाते हैं
महिलाओं का ये भी कहना है कि परवरिश की तो छोड़ो बच्चे को कुछ देर के लिए पुरुष संभाल भी नहीं पाते। हम पूरा दिन घर का काम भी करती हैं, बच्चे को भी देखती हैं, परिवार को भी देखती हैं, दिन में भी बच्चा सो जाता है, तो घर का काम हो जाता है। और रात को जब सोने लगते हैं तो बच्चा उठ जाता है। ऐसे में पति कुछ देर के लिए भी बच्चे को नहीं संभाल सकते। पीठ फेरकर नाक बजाते रहते हैं। गुस्सा बहुत आता है। लेकिन क्या करें करना पड़ता है।
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