पौधों को हरा-भरा रखने के लिए अगर आप बाहर से फर्टिलाइजर नहीं खरीदना चाहते हैं, तो आलू के छिलके आपके लिए बेस्ट है।

इस किचिन वेस्ट का यूज आप अपने गार्डन में बेस्ट तरीके से कर सकते हैं। ये मिट्टी की सारी जरुरतों को पूरा करता है।

आलू के छिलकों में ऑक्सलेट पाया जाता है और फाइबर की मात्रा होती है। पोटेशियम और मैग्निशियम भी इसमें प्रचुर मात्रा में होता है।

इसके छिलकों में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं और राइबोफ्लेविन, नियासिन, थायमिन और विटामिन K होता है, जो सेहत के लिए भी लाभकारी है।

आलू के छिलकों को कंटेनर में भरकर स्टोर कर लेना है। इसमें मौजूद पोटेशियम, मैग्निशियम और अन्य पोषक तत्व मिट्टी के लिए जरुरी है।

लिक्विड फर्टिलाइजर तैयार करने के लिए इसके छिलकों को 3-7 दिन पानी में डूबोकर रख दीजिए। ये पौधों की ग्रोथ के लिए अच्छा है।

लिक्विड फर्टिलाइजर को यूज करने से पहले इसको छलनी से दूसरे बर्तन में छाने और पानी मिलाकर इसे पतला करें। सीधा यूज पौधों को खराब कर सकता है।

आलू उबालने के बाद बचा हुआ पानी भी आप पौधों में डाल सकते हैं। ये पानी फेंकने की बजाए ठंडा करके पौधों में डालें। 

पौधों को फंगस से दूर रखने के लिए कटा हुआ आलू का टुकड़ा भी रख सकते हैं और मच्छरों को नियंत्रित करने का भी ये बेस्ट तरीका है।

आलू के छिलके डायरेक्ट भी आप मिट्टी में मिला सकते हैं, ये छिलके मृदा संसोधित का काम करते हैं, जो पौधों के लिए अनुकुल है।

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