सर्दियों में सरसों का साग लोगों की पसंदीदा डिश होती है। यह पोष्टिकता की खान है। लेकिन...

औषधीय गुण होने के बावजूद बहुत से लोगों को सरसों का साग नहीं खाने की सलाह दी जाती है। उन्हें इससे बचके रहना चाहिए।

सरसों का साग सर्दियों के दिनों में ही बनाया जाता है। व्यस्क व बुजुर्ग बडे़ ही चाव से इसे खाते हैं। ज्यादातर घरों में रात में साग बनता है।

इसे पचाना हर किसी के बस की बात नहीं है। इसमें फाइबर, विटामिन, मिनरल्स की अच्छी मात्रा होती हे। इसमें आयरन भरपूर होता है

साग को मक्के की रोटी के साथ खाना पसंद किया जाता है। आज के दिनों में रेस्ट्रां की डिश लिस्ट में साग मिलता है।

 जिन लोगों को ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल की समस्या है वह समस्या और बढ़ सकती है। क्योंकि इसमें बहुत अधिक घी डाला जाता है।

जिन लोगों को पाचन संबंधी दिक्कतें हैं उनके लिए साग खाना उचित नहीं है। इससे गैस बनने या अपच की समस्या हो सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि सरसों के साग में ऑग्जेलिक एसिड होता है। यह एसिड पथरी का भी कारण बनता है। 

डॉक्टर्स रात में साग न खाने की सलाह देते हैं। जब शरीर भोजन को पचा रहा होता है उसी समय सोने से अपच हो सकती है । 

साग में कई जरूरी पोष्टिक तत्व मौजूद हेाते हैं।  इसके बावजूद साग रोजाना नहीं खाना चाहिए। हफ्ते में दो या तीन बार खाना सही है।