स्टेविया
पौधा अपनी मीठी पत्तियोंं के लिए जाना जाता है। इसकी पत्तियां चीनी के मुकाबले 30 गुना मीठी होती हैं।
स्टीविया प्लांट की पत्तियों को
डायबिटीज
के मरीज भी खा सकते हैं साथ ही इससे वजन भी नहीं बढ़ता।
देश में स्टेविया पौधे को मीठी तुलसी, मीठापत्ता, मधुपत्र, चीनीपत्ता, शहदपत्ता, मधुरगुणा के नाम से जाना जाता है।
रिसर्च में साबित हुआ है कि स्टेविया के सेवन से इंसुलिन की मात्रा पर कोई असर नहीं पड़ता है।
स्टेविया में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट एंटी-कैंसर का काम करते हैं।
स्टेविया में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है। वजन बढ़ने के डर से मीठा नहीं खाते हैं तो इसे बिना डरे खा सकते हैं।
स्टेविया की पत्तियों का इस्तेमाल चाय, सॉस, सलाद ड्रेसिंग, सूप आदि पेय पदार्थों में किया जा सकता है।
इसमें ग्लाइकोसाइड्स होते हैं। ग्लाइकोसाइड्स शरीर से सोडियम को निकालते हें।ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल रखते हैं।
स्टेविया का पाउडर बनाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। क्योंकि यह चीनी से कई गुना अधिक मीठा होता है।
पत्तियों को तोड़कर व सुखाकर आासनी से पाउडर बनाया जा सकता है। यह काफी लंबे समय तक चलता है।
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