फिटकरी का उपयोग आप किसी न किसी तरीके से जरुर करते हैं। फिटकरी का प्रयोग पौधों के लिए बहुत लाभकारी है। 

ये पानी के अणुओं, एल्यूमीनियम और सल्फेट से मिलकर बनी हुई है, जो पौधों में कमाल का फायदा पहुंचाती है।

मिट्टी के पीएच स्तर को सुधारने के साथ ये सरंचना में सुधार भी करता है। इससे पौधों को जरुरी तत्व अवशोषित करने में मदद मिलती है। 

फिटकरी का पानी मिट्टी में मिलकर फ्लोकुलेंट अवक्षेप (flocculent precipitates) बनाता है और जल निकासी बेहतर बनती है। 

फंगल रोग जैसे खस्ता फंफूदी, काले धब्बे,कवक से ग्रस्त होने पर पौधों में फिटकरी का पानी दें। पत्तों पर स्प्रे या मिट्टी में आप इसको मिला सकते हैं। 

पौधों में चींटी, एफिड्स, कैटरपिलर व अन्य कीड़े है, तो फिटकरी की मदद लीजिए। फिटकरी के टुकड़े को गमले के नीचे रख सकते हैं।

पौधों के ग्रोइंग सीजन में इसका प्रयोग करें। ये पौधों को हराभरा रखने के साथ स्वस्थ रखने का काम भी करती है। 

फिटकरी के टुकड़े को पानी में घोलें और पत्तों पर स्प्रे करें। आप महीन करके मिट्टी में भी मिला सकते हैं। इससे बीज भी उपचारित करें। 

ग्रोइंग सीजन में महीने में एक या दो बार इसका प्रयोग करें। आप सुबह के समय इसका प्रयोग करें इससे पौधे जलेंगे नहीं। 

फिटकरी का प्रयोग पौधों में उचित समय पर सीमित मात्रा में करना चाहिए। ज्यादा प्रयोग पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है। 

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