हिंदू धर्म में कई ऐसे रिवाज हैं, जो सदियों से हम मानते आ रहे हैं। बहुत से लोगों को इनके पीछे की वजह क्या है ये मालूम नहीं होता, फिर भी एक-दूसरे को देखकर इन परपंराओं का पालन करते हैं।

ऐसा ही एक नियम है खाना खाने से पहले थाली के चारों ओर पानी छिड़कना। दरअसल हिंदू धर्म में ये परंपरा बहुत प्राचीन है। चलिए जानते हैं इस नियम का रहस्य..

जब हम खाने की थाली के चारों तरफ जल छिड़कते हैं, तो अन्न का सम्मान करते हैं। खाना खाने के लिए जमीन पर बैठते हैं और सामने थाली आने पर सबसे पहले हाथ जोड़कर भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं।

 पानी लेकर थाली के चारों तरफ छिड़कते हैं। इसका मतलब है कि हम मां अन्नपूर्णा का सम्मान कर रहे हैं और भोजन के लिए उनका धन्यवाद कर रहे हैं।

विद्धानों का मानना है कि खाने के चारों ओर पानी छिड़कने से भोजन का शुद्धिकरण हो जाता है। जल छिड़कने के साथ मंत्रो का उच्चारण किया जाता है। जिससे भोजन में अशुद्धि नहीं रहती।

नकारात्मकता दूर होती है। माना जाता है कि थाली के चारों तरफ जल छिड़कने से भोजन की नकारात्मकता दूर होती है। इसलिए इसे शुभ माना जाता है।

भोजन के समय थाली के चारों तरफ जल छिड़कने से खाने की थाली को सुरक्षित रखा जाता था। जल छिड़कने से आसपास कीड़े-मकोड़े नहीं आते।

पहले जमाने में लोग जब मिट्टी के आंगन में बैठकर भोजन करते थे, तो थाली के चारों तरफ पानी का छिड़काव करते थे। ऐसा करने से आसपास की मिट्टी उड़कर भोजन में नहीं गिरती थी।

मिट्टी को खाने से सुरक्षित रखने के साथ कीड़े मकोड़े भोजन में न आएं इस वजह से थाली के चारों तरफ जल छिड़का जाता था, ये वैज्ञानिक कारण मान सकते हैं।

भोजन के शुद्धिकरण के उद्देश्य से ऐसा लोग करते थे। भोजन की थाली के चारों तरफ जल छिड़कने का ये धार्मिक कारण है, जिसका उद्देश्य भगवान और अन्न का शुक्रिया करना होता था।

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