पौधों की वृद्धि, विकास और पैदावार के लिए पोटेशियम (Potassium) जरूरी है। 

पौधों में पोटेशियम (Potassium) की कमी का सीधा असर फ्रूटिंग व फ्लावरिंग पर पड़ता है ।

पौधों में पोटेशियम की कमी को पहले से ही पहचानना मुश्किल होता है।

लेकिन इसकी कमी से पत्तियां पीली हो जाती हैं। पत्तियों पर भूरे रंग के दब्बे बनते हैं।  

पॉटेशियम की कमी को पूरा करने के लिए कुछ अतिरिक्त खाद का प्रयोग करना चाहिए। 

केले के छिलके की खाद पॉटेशियम की कमी को पूरा कर सकती है।

घर में आए केले के छिलकों को सुखाकर या पानी में दो दिन के लिए रखकर लिक्विड फर्टिलाइजर बनाएं। 

लकड़ी की राख में भी पोटाश की अच्छी मात्रा होती है। लेकिन इसका प्रयोग सीमित मात्रा में करें। 

ग्रीन सेंड का इस्तेमाल करके भी पॉटेशियम की कमी को पूरा किया जा सकता है। 

किचिन वेस्ट से बनी खाद का इस्तेमाल अगर पौधों में किया जाए तो पॉटेशियम की कमी पूराी होगी। 

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