घरों में हर दिन चावल बनते हैं। चावलों को धोकर, पानी में पकाया जाता है।

चावल बनाने की प्रक्रिया में हमें चावल धुलने वाला पानी और पकने के बाद का बचा पानी मिलता है।

पौधों के लिए चावल का पानी अभी तक के सबसे उपयोगी प्राकृतिक उर्वरकों में से एक है।

ऐसे में अगर आप इस पानी को फेंक रहे थे तो आप बड़ी गलती कर रहे थे। जो अब नहीं करनी है।

चावल का पानी कार्बोहाइड्रेट, जस्ता, लोहा, सल्फर, विटामिन और खनिजों से भरपूर होता है।

चावल का पानी पौधों में डालने से मिट्टी में लाभकारी सूक्ष्मजीवों की वृद्धि होती है।

चावल के पानी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट पौधों को रोगों और कीटों से बचाने में मदद करते हैं।

चावल का पानी पौधों की जड़ों को जरूरी पोषक तत्व देकर मजबूती देता है

हम इस पानी को प्रिजर्व करके रखते हैं तो यह इनसेक्टिसाइट का काम करता है। कर मजबूती देता है

 चावल को धोने के बाद वाला पानी दो दिन के अंतराल पर देते रहें। 

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