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आलू की सब्जी तो हर कोई खाना पसंद करता है। हर किसी के घर में आलू दो दिन बाद बनता ही बनता है। आलू हर गृहणी की पहली पसंद है, बनने में भी आसान और किसी भी सब्जी के साथ बना डालो। आलू की छीलकर या उबालने के बाद इनके छिलकों को हम वेस्ट समझकर फेंक देते हैं।

आलू के छिलकों का गार्डन में अच्छे तरीके से प्रयोग हो सकता है। बागवानी के शौकीन लोग  तरह-तहर के पेड़ पौधे अपने घरों में लगाते हैं। सुबह शाम ये लोग अपने गार्डन में लगे पौधों की केयर करते हैं। समय पर पानी देना, खाद देना, सर्दी-धूप से पौधों को बचाना आदि सभी कार्य करते हैं। बहुत बार अच्छी केयर के बाद भी आपके पौधे सूखने लगते हैं,तो बहुत बुरा लगता है।

लोग गार्डनिंग तो करते हैं, लेकिन कई बार बाहर से मिलने वाले फर्टिलाइजर नहीं खरीदना चाहते हैं और ऑर्गेनिक चीजों का प्रयोग अपने गार्डन में करते हैं। अगर आप भी उनमें से एक हैं, तो आज का ये लेख आपके लिए खास है। इस लेख में हम आपको बताएंगे की आलू के छिलकों का आप गार्डन में बेस्ट यूज कैसे कर सकते हैं।

आलू के छिलकों में पाए जाने वाले पोषक तत्व

आलू के छिलके आप फेंक रहे हैं, तो आज से इनको फेंकना बंद कीजिए और इनको गार्डन के लिए यूज करना चालू कर दीजिए। आलू के छिलकों में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जो मिट्टी के लिए और पौधों के लिए जरुरी होते हैं।

पोषक तत्व

  • आलू के छिले में ऑक्सलेट पाया जाता है।
  • इनमें फाइबर की मात्रा होती है।
  • मैग्निशियम भी आलू के छिलकों में पाया जाता है।
  • आलू के छिलकों में पोटेशियम भी पाया जाता है।
  • विटामिन सी और बी पाया जाता है।
  • इसके छिलकों में एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं।
  • राइबोफ्लेविन, नियासिन, थायमिन और विटामिन K होता है।
  • आलू के छिलके सेहत के लिए भी फायदेमंद हैं।

आलू के छिलकों का गार्डन में प्रयोग

आलू के छिलकों से आप अच्छी खाद तैयार कर सकते हैं, जो पौधों के बेहतर विकास के लिए जरुरी है। आलू के छिलकों को आपको एक कंटेनर में भरके रख देना है। इन छिलकों में मौजूद पोटेशियम, मैग्निशियम और अन्य पोषक तत्व मिट्टी में मिलकर पौधे के विकास को बढ़ाते हैं।

आलू की छिलकों की लिक्विड फर्टिलाइजर

अगर आप पौधों में आलू के छिलकों के पानी का छिड़काव करते हैं, तो भी बेस्ट है। आप लिक्विड फर्टिलाइजर तैयार करना चाहते हैं, तो आलू के छिलकों को पानी में डूबोकर 3-7 दिन के लि रख दें। बता दें कि आप जब आलू को उबालते हैं, तो उसका पानी भी ठंडा होने के बाद पौधों में डाल सकते हैं। ये पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए लाभकारी है।

आप आलू के छिलकों से बने इस फर्टिलाइजर को पौधों में डायरेक्ट यूज करने की बजाए इसको पहले पतला कर लें। छलनी की मदद से दूसरे बर्तन में छाने और फिर और पानी मिलाकर इसे पौधों में डालें।

अन्य तरीका

आप आलू के छिलकों को स्टोर करके नहीं रखना चाहते हैं और न ही लिक्विड फर्टिलाइजर बनाना चाहते हैं, तो आप इन छिलकों का डायरेक्ट यूज कर सकते हैं। आलू के छिलने के बाद इन छिलकों को सीधा मिट्टी में या पौधों की जड़ों में मिला दें। आलू के छिलके मृदा संसोधन करने का काम करते हैं।

अगर आपको फंगस और मच्छरों को नियंत्रित करना है, तो आप कच्चे आलू के टुकड़े भी अपने गार्डन में लगे पौधों में डाल सकते हैं। ये बेहतर तरीका है अपने पौधों की अच्छे से केयर करने का। आलू के छिलकों का यूज करके आप अपने गार्डन को हरा-भरा रख सकते हैं।

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ये लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। अन्य किसी विषय पर जानकारी आप प्राप्त करना चाहते हैं, तो कमेंट करके जरुर बताएं।

 

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