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हिदूं धर्म में 16 संस्कार बताए गए हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक के इन 16 संस्कारों का व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्व है। आध्यात्मिक तौर पर तो इन संस्कारों का महत्व है ही व्यक्ति के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी इन 16 संस्कारों को शुभ बताया गया है। बच्चे के जन्म के बाद उसके सिर से पहली बार बाल उतरवाने को मुंडन कहा जाता है। ये भी 16 संस्कारों में से एक है। बच्चे के मुंडन के बाद सिर पर स्वस्तिक का चिन्ह बनाया जाता है, इसके पीछे का कारण इस लेख में जानते हैं।

बच्चे का मुंडन करवाना है जरुरी

बच्चे के जन्म के कुछ दिन या महीनों के बाद बच्चे के मुंडन करने की रिवाज निभाई जाती है। किसी धार्मिक स्थल पर जाकर ये शुभ कार्य करवाया जाता है। माना जाता है कि बच्चे के सिर से गर्भ के बाल उतरवा देना ही शुभ होता है। क्योंकि ये बाल बच्चे के स्वास्थ्य पर प्रतिकुल प्रभाव डालते हैं। ज्योतिषों ने भी कहा है कि गर्भ के बाल न उतरवाएं जाए तो बच्चे के अंदर गर्भ की खुशबू रहती है। इस वजह से नकारात्मक शक्तियां ज्यादा आकर्षित होती है। जब तक बच्चे का मुंडन नहीं करवाया जाता उसकी अशुद्धियां दूर नहीं होती है। इसलिए बच्चे का मुंडन करवाना बेहद जरुरी होता है।

हल्दी से बनाया जाता है स्वस्तिक

बच्चे के मुंडन के समय हल्दी से स्वस्तिक बनाना शुभ माना जाता है। हल्दी में कई प्रकार के गुण भी होते हैं जो रोगों से लड़ने में सहायक होते हैं। माना जाता है कि हल्दी का प्रयोग मांगलिक कार्यों की शुरुआत करने के लिए भी किया जाता है। हिदूं धर्म में हल्दी को शुभ माना जाता है। शुभ कार्य के लिए इसका उपयोग किया जाता है। इसलिए बच्चे के मुंडन के बाद सिर पर हल्दी से स्वस्तिक का निशाना बनाना ज्यादा फायदेमंद होता है।

स्वस्तिक को माना जाता है शुभ

हिदूं धर्म में स्वस्तिक के चिन्ह का बहुत महत्व है। शुभ कार्य की शुरुआत से पहले स्वस्तिक के चिन्ह को बनाया जाता है। ये चिन्ह गणपति का भी प्रतीक है। माना जाता है कि बच्चे का जब पहली बार मुंडन होता है, तो ये स्वस्तिक का चिन्ह बनाना शुभ होता है। क्योंकि ये शुभ, मंगल और कल्याण का प्रतीक माना जाता है।

स्वस्तिक से बच्चे का दिमाग केंद्रित

स्वस्तिक के जो बिंदु होते हैं वो चारों दिशाओं की ऊर्जा को केंद्रित करने का कार्य करते हैं। माना जाता है मस्तिष्क में एक ऐसा चक्र होता है जो स्वस्तिक का चिन्ह बनाने पर नियंत्रित हो जाता है। ये बच्चे का दिमाग केंद्रित करने में मदद करता है।

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स्वस्तिक बनाने के पीछे वैज्ञानिक कारण

बच्चे के मुंडन के बाद सिर पर स्वस्तिक बनाना हिदूं धर्म में शुभ माना जाता है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। मुंडन के बाद जब हल्दी से ये निशाना बनाया जाता है, तो बच्चे के लिए अच्छा होता है। बहुत बार पहली बार बाल कटवाते समय बच्चे को चोट लग जाती है, तो हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण है। जिससे चोट ठीक हो जाती है।

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