22 मार्च को चैत्र पक्ष के नवरात्रि शुरू होने वाले है, जो 30 मार्च तक रहेंगे। 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि के दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की विधि विधान से पूजा की जाती है। हिंदू पूरी निष्ठा और भक्ति- भाव से इन नौ दिनों के त्याहौर को मनाते हैं। नवरात्रि के पहले दिन कलश की स्थापना होती है।
किन बातों का रखें ध्यान
मां दुर्गा के नौ रूपों की विधि विधान से पूजा अर्चना करते समय कई बातों ध्यान रखना होता है। गुरूग्राम राम मंदिर के पुजारी बृजमोहन शास्त्री के अनुसार कई गलतियां है जिनको करने से मां नाराज हो जाती है।
तामसिक भोजन से परहेज
नवरात्रि शुरू होने से लेकर खत्म होने तक घर में प्याज लहसून का प्रयोग वर्जित होता है। प्याज और लहसून को गरिष्ठ भोजन माना जाता है और उपवास के दिनों में हिंदू लोग इनका सेवन नहीं करते। शराब का सेवन भी इन दिनों नहीं करना चाहिए।
कन्या का अपमान
हिंदू धर्म में कन्या की पूजा की जाती है। नवरात्रि के त्यौहार में भूलकर भी कन्या का अपमान नहीं करना चाहिए। पुजारी बृजमोहन शास्त्री के अनुसार वेदों में भी ये उल्लेख है कि औरत में मां का रुप होता है और उनका अपमान नहीं करना चाहिए। नवरात्रि समाप्ति के दौरान कन्या पूजा की जाती है। कन्याओं के पैर धोकर लोग पूजा करते है और उनको खाना खिलाते है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती है।
बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए
हिंदू धर्म में मान्यता है कि त्यौहार के दिन दाढ़ी मूंछ और बाल नहीं कटवाने चाहिए। कई ऐसे वार भी है जिनमें ऐसा करना वर्जित होता है। इन दिनों में मुंडन करना भी अशुभ माना जाता है। इन दिनों में नाखून भी नहीं काटने चाहिए। माना जाता है जब मां की अराधना की जाती है तो बाल और नाखून काटना वर्जित होता है।
काले वस्त्रों का परित्याग
राम मंदिर के पुजारी बृजमोहन के अनुसार इन नौ दिनों तक काले वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। क्योंकि काले वस्त्रों को अपवित्र माना गया है। माना जाता है कि शुभ कार्यों में काले वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। इस दिन लाल, पीले, हरे रंग के वस्त्र पहनें।
कामवासना से रहें दूर
पूजा अर्चना करने वाले लोगों को इस दौरान कामवासना से दूर रहना चाहिए। धार्मिक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख है कि कामवासना से मन में विकार उत्पन्न होते है जो उपवास करने वालों के लिए सही नहीं है। इसलिए कहा गया है कि नौ दिनों तक शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए।
चमड़े को ना छुंए
माना जाता है जब तक माता की अराधना करते है चमड़े से बनी चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। चमड़े की चीजों का प्रयोग करना भी अशुभ माना जाता है।
पूजास्थान को न छोड़े अकेला
नवरात्रि के दिन में पूजा स्थान को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। जहां आपने कलश स्थापित कर रखा है और अंखड ज्योति जला रखी है उस स्थान पर किसी न किसी को जरूर होना चाहिए। अंखड ज्योति को बुझने नहीं देना चाहिए। माना जाता है ज्योति का बुझ जाना अपशकुन होता है।
निंदा नहीं करनी चाहिए
उपवास कोई भी हो उस दिन किसी के लिए अपशब्द अपने मुंह से नहीं निकालने चाहिए। नवरात्रोि के दिनों में भी देवी की अराधना करने वालों को किसी की निंदा या बुराई नहीं करनी चाहिए। हम जब भी किसी की निंदा करते है तो दोष हमारे ऊपर ही आता है।
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