आजकल एकल परिवार का चलन बढ़ रहा है। लगभग व्यक्ति संयुक्त परिवार में रहकर खुश नहीं है। हर कोई चाहता है कि उसका परिवार ज्यादा बढ़ा ना हो। बहुत से व्यक्ति तो अपने मां-बाप को गांव में छोड़कर अपनी बीवी बच्चों के साथ शहर में रहने चले जाते हैं। वो शहर में इस कदर रच बस जाते हैं कि बुढ्ढे मां बाप की याद ही नहीं आती । असली बात में हमने आज ये मुद्दा उठाया है कि लोग संयुक्त परिवार से क्यों दूर जा रहे हैं।
संयुक्त परिवार में आने वाली चुनौती
मर्जी से नहीं रह सकते
बहुत से लोगों का मानना है कि संयुक्त परिवार में हम अपनी मर्जी से नहीं रह सकते। परिवार के हिसाब से रहना पड़ता है। संयुक्त परिवार में फैसला भी नहीं ले सकते। बहुत बार दूसरों के फैसलों का इंतजार करना पड़ता है। परिवार में जब सब साथ में रहते हैं, तो सबके हिसाब से चलना पड़ता है। एकल परिवार को पंसद करने की ये भी एक वजह हो सकती है।
खर्चा बढ़ जाता है
बहुत से लोगों का मानना होता है कि जब संयुक्त परिवार हो और एक ज्यादा कमाने वाला हो दूसरा कम कमाई करता है, तो ऐसे में एक के ऊपर सबका भार आ जाता है। लोगों का मानना है कि संयुक्त परिवार में खर्चा बढ़ जाता है। खुद के लिए पैसे बचाने का समय भी नहीं मिलता और न ही पैसे खुद पर खर्च कर सकते हैं।
पर्सनल लाइफ डिस्टर्ब
संयुक्त परिवार में आपकी पर्सनल लाइफ डिस्टर्ब हो जाती है ये सत्य है। संयुक्त परिवार में आपको सबके साथ मिल जुलकर रहना पड़ता है। पर्सनल लाइफ में आप एक दूसरे को कम समय दे पाते हैं। बहुत बार संयुक्त परिवार की वजह से आपसी रिश्तों में तनाव भी आ जाता है।
काम बहुत ज्यादा होता है
संयुक्त परिवार में महिलाओं के लिए काम बहुत ज्यादा हो जाता है। भले ही काम करने वाले ज्यादा हो, लेकिन फिर भी पूरा दिन उनका चुल्हे चौके में ही व्यतीत हो जाता है। महिलाओं का आपस में झगड़ा होना भी स्वभाविक है। एकल परिवार में आपका खुद का काम होता है। जो आपको करना ही पड़ेगा, इसलिए आप बिना किसी से शिकायत किए ये काम फटाफट निपटा लेते हैं। लेकिन संयुक्त परिवार में इसका उल्टा होता है।
संयुक्त परिवार में रहने के फायदे
खर्चा बंट जाता है
संयुक्त परिवार में जब सब साथ रहते हैं तो आपस में खर्च कम होते है। सबका हिस्सा बांट दिया जाता है। सब अपनी कमाई में से बराबर का हिस्सा परिवार के मुखिया को दे देते हैं। परिवार का मुखिया ही सबको अपने हिसाब से हैंडल करता है और घर खर्च के लिए पैसा देता है।
खुशी डबल हो जाती है
परिवार के साथ बैठकर गप्पे लड़ाने का मजा ही कुछ और है। जब आप कोई खुशी की बात परिवार में सांझा करते हैं। तो ये खुशी डबल हो जाती है। आपके साथ-साथ आपका परिवार में बहुत खुश होता है। परिवार में हर कोई हंस खुशी रहे, तो सब आसान हो जाता है।
गम बंट जाता है
बहुत बार इंसान जिंदगी की आपाधापी से तंग आकर तनाव में आ जाता है। काम का स्ट्रेस,वर्क लोड का टेंशन या कोई भी समस्या हो आपका परिवार आपकी मदद करता है। आपका परिवार को डिप्रेशन से निकालने में भी मदद करता है। परिवार के साथ रहने पर जिस तरह से आपकी खुशी डबल हो जाती है उसी तरह आपका गम बंट जाता है। आपका परिवार आपको कभी अकेला नहीं छोड़ता बल्कि मुश्किल समय में आपका साथ देता है।
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बच्चों को मिलती है अच्छी परवरिश
जब परिवार में सब लोग मिल जुलकर रहते हैं तो बच्चे पर इसका बहुत प्रभाव पड़ता है। बच्चा परिवार से बहुत कुछ सीखता है। संयुक्त परिवार में रहना उसके भविष्य के लिए बेहतर हो सकता है। भरे-पूरे परिवार में अगर आपका बच्चा पलता है , तो उसका विकास अच्छे से होगा। बच्चा हंसमुख होगा। उसके स्वभाव में चिड़चिड़ापन कम होगा।
पाठकों की राय
संयुक्त परिवार में होता है तनाव दूर
आज की इस भागदौड़ भरी लाइफ में अपने बच्चों को अच्छी परवरिश देने की बहुत जरूरत है । इसलिए संयुक्त परिवार का होना ज़रूरी है।क्युंकि एकल परिवार में हमारे बच्चे अपने आप मे ही खोए रहते हैं। माता पिता नौकरी के कामों में ज्यादा उलझे रहते हैं। जिससे आगे चलकर उनके बच्चों को समाज में बहुत परेशानी होती है। जॉइंट परिवार हमारे बच्चों को नई चीजें सीखने को मिलती है और दादा दादी का प्यार भी। दिन भर की थकान को एक दूसरे के साथ बात-चीत करके दूर कर लेते हैं। रीतु का कहना है कि मेरे हिसाब से ऐसा एकल परिवार में नहीं होता। संयुक्त परिवार में हर कोई हंसी खुशी एक साथ रहता है। रीतु लांबा, भिवानी
रिश्तों के बीच न आने दे इगो- रीतु शर्मा
हिसार से रीतु का कहना है कि खुद के बच्चे होने के बाद लोग अपने माता-पिता को भूल जाते हैं। ये बिल्कुल भी सही नहीं है। हमें परिवार को साथ लेकर चलना चाहिए। रिश्तों के बीच में इगो को कभी नहीं आने देना चाहिए। क्योंकि जहां इगो बीच में आ जाता है वहां पर परिवार टूटने की कगार पर आ जाता है। खुद से ज्यादा परिवार में दूसरे की सोचेंगे तो रिस्पेक्ट हमारे अंदर से आएगी। परिवार में किसी का दबाव बनाने वाला स्वभाव भी होता है, ऐसे व्यक्ति की वजह से परिवार टूटने का खतरा होता है। क्योंकि वो सबको दबाके रखना चाहता है। परिवार के लिए वो करना चाहिए जो सबके हित में हो।
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