लोग अपने गार्डन की शोभा बढ़ान के लिए तरह-तरह के फूल वाले पौधे लगाते हैं। कुछ लोग अपनी पसंद के हिसाब से चुनाव करते हैं, तो बहुत से लोग सुंगध को देखकर पौधों को लगाना पसंद करते हैं। बहुत से लोग यूनिक प्लांट अपने गार्डन में लगाते हैं,ताकि ये सबसे अलग दिखे।
आप भी अपने गार्डन के लिए कुछ अच्छे फूलों का चुनाव करने जा रहे हैं, तो जीनिया का फूल जरुर लगाएं। ये फूल काफी आकर्षक और सुंदर होते हैं, जो कई रंगों में मिलते हैं। ये फूल लगाने काफी आसान है और ये जल्दी ग्रोथ करते हैं।
जीनिया
जीनिया वार्षिक पौधा है यानि ये सिर्फ एक साल के लिए ही है। साल समाप्त होने के बाद इसको दोबारा लगाना होता है। ये डेजी परिवार से संबंधित फूल है। इस फूल की काफी सारी किस्में होती हैं। लोगों द्वारा सबसे ज्यादा जिन्निया एलिगेंस किस्म पसंद की जाती है।
जीनिया उगाने का तरीका
- जीनिया को फरवरी-मार्च या अक्टुबर से दिसंबर महीने में उगा सकते हैं।
- ये वार्षिक पौधा है यानि एक साल के बाद दूसरा लगाना पड़ता है।
- इसके लिए तापमान 23 डिग्री से 29 डिग्री तक होना चाहिए और ये न्युनतम तापमान 16 डिग्री में भी ग्रो हो जाता है।
- इसके लिए मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 7.5 होना चाहिए।
- ये पौधा झाड़ीदार होता है और बहुत सारे फूल आते हैं।
- जीनिया के लिए आपको रेतीली दोमट मिट्टी की जरुरत है।
- आप इसे उगाने के लिए पॉटिग मिश्रण का प्रयोग भी कर सकते हैं।
- मिट्टी अच्छी जलनिकासी वाली होनी जरुरी है।
- पौधे में नमी बनाएं रखनी है, लेकिन ज्यादा पानी नहीं देना है।
- मिट्टी तैयार करने के बाद जीनिया के बीजों को एक इंच गहरा दबाना है।
- सात से दस दिन के भीतर बीज पनपने लगता है।
- बीज पनपने के बाद इसे धूप में रखें। ध्यान रखें की पौधे में नमी बनाएं रखनी जरुरी है।
- पौधा जब छोटा हो तब उसमें नमी बनाए रखनी है और बढ़ा होने पर कम पानी दें।
- पौधे को धूप में रखने से बीमारी से बचाव होता है।
जीनिया पौधे के लिए ग्रो बैग का चुनाव
- 9 x 9 इंच (लम्बाई x चौड़ाई)
- 12 x 12 इंच (लम्बाई x चौड़ाई)
- 15 x 15 इंच (लम्बाई x चौड़ाई)
जीनिया के लिए बेस्ट उर्वरक
- ये एक हेवी फीडर प्लांट है यानि इसको बढ़ने के लिए खनिज और पोषक तत्वों की ज्यादा जरुरत होती है।
- इसको जैविक खाद देने की जरुरत होती है।
- जीनिया के पौधे के लिए NPK डालना बेहतर है।
- पौधे में एक महीने के अंतराल में वर्मीकंपोस्ट और गोबर की खाद डालें।
जीनिया पौधे में लगने वाले रोग
- अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट रोग इसमें आसानी से लगता है।
- ये रोग होने पर इसकी पत्तियों पर छोटे गहरे लाल रंग के धब्बे हो जाते हैं।
- पत्तियों में छेद हो जाते हैं और गिरने लगती हैं।
- रोग ज्यादा फैल जाता है, तो पत्तियां भूरी होकर सिकुड़ने लगती है।
- ये रोग पत्तियों के साथ फूल और तने को प्रभावित करता है।
- रोकथाम के लिए कवकनाशी क्लोरोथालोनिल, कॉपर फंगीसाइड और मैनकोजेब का उपयोग करें।
- पौधे पर नीम के तेल का छिड़काव भी लाभकारी होता है।
- बैक्टीरियल लीफ स्पॉट रोग भी इसमें आसानी से होता है।
- इससे पत्तियों पर लाल और भूरे रंग के कोणीय धब्बे नजर आते हैं।
- इस रोग की वजह से पत्तियां पीली होने लगती हैं।
- इसके रोकथाम के लिए नीम तेल का छिड़काव करें।
- पौधों में पानी सिर्फ नीचे जड़ों में दें पत्तियों को गीला नहीं करना है।
- ये रोग होने पर पौधे को काट दें या पत्तियों को हटा दें।
- एफिड्स, स्पाइडर माइट्स और व्हाइटफ्लाइज़ पौधों को अत्यधिक नुकसान पहुंचाते हैं।
- पानी की तेज धारा के द्वारा पौधों से इनको दूर किया जा सकता है।
- इसके अलावा आप नीम तेल का छिड़काव करके भी कीटों से पौधों की सुरक्षा कर सकते हैं।
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