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Hibiscus care– गुड़हल का पौधा लगभग हर कोई लगाना पसंद करता है। इसपर खिलने वाले रंगबिरंगे सुंदर फूल सबको आकर्षित करते हैं। गुड़हल का का पौधा हम लगा तो लेते हैं, लेकिन सफेद कीड़े और चींटियां पौधों को तहस नहस कर देती हैं।

आज के इस लेख में हम आपको गुड़हल के पौधे को सफेद कीड़ों और चींटियों से कैसे बचाना है इस बारे में जानते हैं। ये पौधे की जड़ों को खोखला कर देती हैं और पौधा मर जाता है।

गुड़हल के फायदे(benefits of hibiscus)

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  • ये पौधा अपनी विभिन्नता और रंगबिरंगे फूलों के कारण प्रसिद्ध है।
  • इस पौधे का औषधीय महत्व भी बहुत है।
  • स्किन केयर और हेयर केयर के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  • इसमें विटामिन सी होता है।
  • इसकी चाय पीने के बहुत लाभ है।
  • गुड़हल के पौधे को बीज और कंटिग से आसानी से उगाया जा सकता है।

सफेद कीड़े और चींटियों की पहचान का तरीका(Method of identification of white worms and ants)

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  • मीलीबग गुड़हल के पत्तियों के किनारे और नसों में छुपे होते हैं।
  • सफेद चींटिया पौधों की पत्तियों पर मिलेगी या नीचे भी मिल सकती है।
  • थ्रिप्स छोटे कीड़े होते हैं, जो सफेद या स्वर्ण रंग के होते हैं।
  • पौधों की पत्तियों के बीच में या ऊपर होते हैं।
  • एफिड्स छोटे सफेद  या काले रंग के होते हैं, जो पत्तियों पर लगते हैं।
  • सफेद कीड़े पौधे पत्तियों को सफेद कर देते हैं।
  • ये पौधों को कमजोर करने का काम करते हैं।
  • इन्हें हटाने के लिए नीम ऑयल का स्प्रे पौधों की पत्तियों पर करें।
  • चींटियां आकार में छोटी होती है और पत्तियों को खा जाती हैं।
  • इनको भी नीम ऑयल या प्याज की सहायता से हटाया जा सकता है।
  • चींटियां गमले के निचले हिस्से से प्रवेश करती हैं।
  • चींटियां मिट्टी को खोखला बना देती हैं।
  • ऐसा होने पर पानी गमले के नीचे की तरफ से निकल जाता है और जड़ों तक नहीं पहुंचता।

चींटियों और सफेद कीड़ों को हटाने का तरीका(How to remove ants and white worms)

नीम(Spraying Neem on Hibiscus)

  1. नीम की पत्तियों को पानी में उबालें और छान लें।
  2. आप मार्केट में मिल रहे नीम ऑयल का प्रयोग भी कर सकते हैं।
  3. एक लीटर पानी में 5 मीली लीटर नीम तेल मिलाएं।
  4. नीम ऑयल के घोल या नीम  की पत्तियों के पानी को स्प्रे बोतल में भरें।
  5. सफेद कीड़ों और चींटियों से प्रभावित स्थानों पर इसका छिड़काव करें।
  6. नीम में निम्बिन, आजादिरेक्टिन और सल्फर होते हैं।
  7. नीम ऑयल की खुशबू कीटों को पौधों से दूर रखती है।

प्याज या लहसून का प्रयोग(Use of onion or garlic)

  • ये पौधों को हेल्थी एंटी-इंसेक्ट किडल प्रदान करते हैं।
  • प्याज और लहसून को मिक्सी में पीसकर गाढ़ा पेस्ट बना लें।
  • तैयार किए गए पेस्ट को पौधों के प्रभावित हिस्सों पर लगा दें।
  • आप इस पेस्ट का तब तक प्रयोग करें जब तक ये कीड़ें दूर न हो जाएं।

नीम और धनिया का पानी(Neem and Coriander Water)

  • नीम और धनिया में विषाक्त गुण होते हैं, जो चींटियों और सफेद कीड़ों को दूर रखते हैं।
  • नीम की पत्तियों और धनिये की पत्ती को पानी में भिगोकर पीस लें।
  • करीब एक लीटर पानी में आधा कप इन पत्तियों के पेस्ट को मिला लें।
  • इस मिश्रण का गुड़हल के प्लांट पर स्प्रे करें।

अन्य तरीके

  • नियमित रुप से पौधे की देखभाल करना जरुरी है।
  • पौधे पर कोई कीटाणु दिखाई दें, तो तुरंत उसका समाधान करें।
  • पौधे की सिंचाई ठंडे पानी से करें।
  • पौधों में जैविक खाद ही डालें।
  • नीम तेल या नीम स्प्रे का प्रयोग प्राकृतिक तरीका है।
  • नीम में पाए जाने वाले गुण पौधों से कीड़ों को दूर रखते हैं।
  • अगर इसके बाद भी कीड़े बढ़ रहे हैं, तो आप कीटनाशकों का प्रयोग करें।

गुड़हल प्लांट की अन्य देखभाल(Other care of Hibiscus plant)

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  • नियमित रुप से पत्तों को जांच करें।
  • सफेद कीड़ों की समस्या दिखने पर इन पत्तों को हटा दें।
  • रोशनी के अभाव में पौधों पर कीड़े लग सकते हैं।
  • गुड़हल प्लांट को धूप में रखें।
  • समय पर पौधे में खाद जरुर डालें।
  • समय-समय पर पौधे की गुड़ाई करें।
  • संक्रमित पौधे की प्रूनिंग करें।
  • संक्रमित पौधे को अन्य पौधों से दूर रखें।

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