नेचर ने हमें बहुत सी ऐसी चीजें दी हैं, जिनके प्रयोग से और सेवन से हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है। प्रकृति में ऐसी अनगिनत जड़ी बूटियां और औषधियां है, जिनके सेवन से हम निरोगी रह सकते हैं। सेहत को लाभ पहुंचे इस उद्देश्य से लोग अपने घरों में भी कई प्रकार की औषधियों के पौधे लगाते हैं, जो बगीचे की शोभा बढ़ाने के साथ-साथ हमें बीमार होने से भी बचाते हैं।
हरसिंगार या पारिजात इनमें से ही एक है। हरसिंगार के फूल काफी छोटे-छोटे और आकर्षक होते हैं, जो सफेद रंग के होते हैं। बहुत से लोगों के घरों में ये पौधा पाया जाता है। हरसिंगार के पौधे में कई औषधिय गुण पाए जाते हैं। इसकी छाल, जड़, पत्ते और फूलों का इस्तेमाल बहुत सी बीमारियों के रोकथाम के लिए किया जाता है।
आज के इस लेख में हम आपको हरसिंगार के बारे में जानकारी देने वाले हैं और इसके औषधियों फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं। छोटे-छोटे आकर्षक फूलों से लदे हुए हरसिंगार के पौधे के अनगिनत फायदों के बारे में जानने से पहले इसके बारे में कुछ तथ्य जान लेते हैं।
हरसिंगार का वानस्पतिक नाम निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस है और इसका कुल ओलिएसी है। संस्कृत में इसको पारिजात, शेफाली या शेफालिका कहा जाता है। सामान्य नामों के बारे में बात करें तो इसको रात की रानी, हरसिंगार, पारिजात, दुखों का पेड़, नाइट जैसमीन, कोरल जैसमीन, शिउली कहा जाता है। आमौतर पर हरसिंगार के फूल, पत्तियों और बीजों को इस्तेमाल में लाया जाता है।
पारिजात यानि हरसिंगार उत्तरी भारत, नेपाल और थाईलैंड और पाकिस्तान में ज्यादा पाया जाता है। भारत में पश्चिम बंगाल राज्य का ये राजकीय फूल है और मां दुर्गा और विष्णु भगवान के चरणों में ये फूल चढ़ाए जाते हैं।
हरसिंगार के फायदे
- बवासीर के इलाज के लिए हरसिंगार का प्रयोग किया जाता है। हरसिंगार के बीजों का पेस्ट बनाकर लगाने से मलत्याग में परेशानी नहीं होती है और कुछ ही दिनों में बवासीर भी ठीक हो जाती है।
- हरसिंगार को बालों और स्किन के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। हरसिंगार के फूलों का अच्छे से धोकर मेथीदाना और करी पत्ते के साथ इनको अच्छे से पीस लें। इस पेस्ट को अपने बालों की जड़ों में लगाकर पंद्रह मिनट तक छोड़ना बालों को सुंदर बनाता है।
- पान के साथ हरसिंगार की छाल का सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है। हरसिंगार के पत्तों को पीसकर इसका रस निकालकर शहद के साथ लेने से सुखी खांसी में राहत मिलती है।
- हरसिंगार के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से जोड़ो के दर्द में राहत मिलती है। हरसिंगार के कुछ पत्ते लें और उसे पानी में उबालें, जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छानकर पीने से दर्द में राहत मिलती है।
- हरसिंगार के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से सूजन में भी राहत मिलती है।
- अरोमाथेरेपी में हरसिंगार के फूलों का इस्तेमाल किया जाता है। डिप्रेशन से निकलने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। ये आपके दिमाग में सेरोटोनिन को बढ़ाता है और चिंता और तनाव से दूर रखने में उपयोगी है।
- हरसिंगार के फूलों से बनी चाय पीने से भी नार्मल सर्दी खांसी, जुकाम में राहत मिलती है। हरसिंगार के फूल या पत्तियों को अच्छे से धोकर फिर पानी में इसे उबाल लें। आप इसके अंदर तुलसी की पत्तियां भी एड कर सकते हैं। पानी में उबाल आने के बाद इसे छलनी से छान लें और फिर इसको पी लें।
- हरसिंगार के फूलों से बनी चाय अस्थमा से रहात दिलाने का काम भी करती है।
- काली मिर्च के साथ हरसिंगार के फूलों की कलियों का सेवन महिला करती है, तो ये महिलाओं से संबंधित रोगों की रोकथाम में उपयोगी है।
- मलेरिया के इलाज के लिए हरसिंगार की पत्तियों का उपयोग ज्यादा मात्रा में किया जाता है।
- हरसिंगार के पत्तों का जूस पीने से पेट साफ होता है और पेट में मौजूद कीड़ों का भी सफाया होता है। इसको पाचन तंत्र मजूबत बनाने के लिए भी जाना जाता है।
- हरसिंगार में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो एलर्जी और त्वचा संबंधी रोगों में रोकथाम करता है।
- ये एंटी वायरल जड़ी बुटी हैं, जो संक्रमण होने पर उपयोगी है।
- हरसिंगार में एंटी रुमेटिक गुण पाए जाते हैं। इसकी पत्तियों का प्रयोग गठिया के इलाज में भी किया जाता है।
हरसिंगार का पौधा औषधियों गुणों से भरा हुआ है। इस पौधे को लगाने से आपको सकारात्मकता मिलती है और इसका धार्मिक महत्व भी ज्यादा है। पारिजात के फूलों से आने वाली मनमोहक खुशबू आपके दिमाग को तरोताजा करने का काम करती है। इस पौधे को आप अपने बगीचे या आंगन में लगा सकते हैं, जो बेहद सुंदर लगता है।
ये लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। किसी भी प्रकार से अमल में लाने से पहले आप एक बार विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।