दाल के बिना तो भारतीय खाना संपूर्ण ही नहीं होता। खाने में दाल के स्वाद और तड़के के बगैर खाना अधुरा सा लगता है। कई प्रकार की दालें होती हैं, जो सेहत को अनोखे फायदे पहुंचाती हैं और जिनके सेवन से हम रोगमुक्त भी रहते हैं। बीमारी में तो डॉक्टर दाल का का सेवन करना बताते ही हैं साथ में सेहतमंद लोगों को भी दाल का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
अरहर की दाल के बारे में हम सब जानते हैं, मनाने में आसान होने के साथ सब इस दाल का सेवन करना पसंद करते हैं। साउथ का खाना सांभर के बिना अधुरा है और सांभर अरहर की दाल के बिना अधुरा है। अरहर की दाल भारत में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश और गुजरात में बोई जाती है।
अरहर की दाल जहां सेहत को फायदा पहुंचाती है वहां ये सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती है। आज के इस लेख में हम आपको ये बताने जा रहे हैं, कि अरहर की दाल किन लोगों को नहीं खानी चाहिए। हालांकि अरहर की दाल सेहत को अनोखे फायदे पहुंचाती है, लेकिन कुछ खास लोगों के लिए इसको खाने से मनाही है।
किन लोगों को नहीं खानी चाहिए अरहर की दाल
पेट की समस्या होने पर
जिन लोगों को एसडिटी और पेट से संबंधी दिक्कतें होती हैं, उन लोगों को अरहर की दाल नहीं खाने की सलाह दी जाती है। अरहर की दाल पचने में ज्यादा समय लेती है। देरी से पचने के कारण इसको खाने से गैस बनने, खट्टी डकारे आना और एसडिटी जैसी समस्या हो सकती है।
पथरी या गुर्दा रोगी होने पर
जिन लोगों को किडनी से संबंधित समस्या है, उन लोगों को भी अरहर की दाल नहीं खानी चाहिए। अरहर की दाल में पोटेशियम की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। किडनी रोगी इस दाल का सेवन करते हैं, तो समस्या ज्यादा गंभीर हो जाती है। विशेषज्ञों की राय है कि कुछ खास सिचुएशन में ये दाल खाने से पथरी भी हो सकती है।
कब्ज की समस्या होने पर
जिन लोगों को कब्ज की शिकायत रहती है, उन्हें ये दाल खाने से परहेज करना चाहिए। इस दाल में प्रोटीन का मात्रा ज्यादा होती है, जिसको खाने से कब्ज की समस्या बढ़ सकती है। प्रोटीन को पचाने में काफी मेहनत लगती है।
बवासीर होने पर
दाल में प्रोटीन ज्यादा होता है, इसको पचाने में पाचन तंत्र को काफी मेहनत करनी पड़ती है। पेट में कब्ज जैसी समस्या होने पर सुबह आपको काफी जोर लगाना पड़ सकता है, जिसकी वजह से बवासीर रोगियों को परेशानी होती है। मस्सों में सूजन, खून का आना आदि समस्याएं भी हो सकती है।
यूरिक एसिड होने पर
अरहर की दाल खाने की वजह से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ जाता है। जिन लोगों को यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या है, उन्हें ये दाल नहीं खानी चाहिए। इसमें प्रोटीन की अधिकता होती है और प्रोटीन की अधिकता वाले खाद्य पदार्थ यूरिक एसिड की समस्या से ग्रसित लोगों के लिए खाना सही नहीं है।
अरहर की दाल रात में न खाएं
अरहर की दाल में प्रोटीन, पोटेशियम की अधिकता होती है। ये दाल पचने में काफी ज्यादा समय लेती है। इसलिए सलाह ये दी जाती है, कि अरहर की दाल का सेवन कभी रात में नहीं करना चाहिए। जिन लोगों को एलर्जी होती है, उन्हें ये दाल भूलकर भी नहीं खानी चाहिए।
अरहर की दाल में पाए जाने वाले पोषक तत्व
- कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है।
- प्रोटीन की अधिकता इस दाल में पाई जाती है।
- ये दाल पोटेशियम से भरपूर होती है।
- आयरन और फॉस्फोरस की मात्रा भी इस दाल में पाई जाती है।
- कार्बोहाइड्रेट, सोडियम और फाइबर भी इसमें होता है।
अरहर की दाल खाने के फायदे
- जिन लोगों को बार-बार भूख लगती है, वो अरहर की दाल खाएं, इससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है।
- शुगर के रोगियों के लिए अरहर की दाल खाना अच्छा है।
- मोटापे से परेशान व्यक्ति इसको खा सकते हैं, ये वजन कम करने में उपयोगी है।
- इसमें फोलिक एसिड होता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए जरुरी होता है।
- अरहर की दाल में प्रोटीन ज्यादा होने के कारण ये आपको मजबूत बनाती है।
अरहर की दाल खाते समय बरतें ये सावधानी
ये दाल खाने में ज्यादा भारी होती है, इसलिए इसको रात के समय खाने से बचना चाहिए। बनाने से पहले दाल को अच्छे से साफ करना चाहिए और इसको कुछ देर पानी में भिगोकर रखना चाहिए। दाल बनाते समय आप ये जरुर ध्यान रखें कि दाल को हमेशा कुकर में सीटी मरवाने की बजाए खुला पकाएं और उसके ऊपर आ रहे झागों को बार-बार हटाते रहें।
ये आर्टिकल सुझाव के तौर पर आपके लिए लिखा गया है। आप ज्यादा जानकारी किसी विशेषज्ञ से प्राप्त कर सकते हैं।