Vegetable gardening-वेजिटेबल गार्डनिंग करना लोग काफी पसंद करते हैं। इससे आपका खर्च भी बच जाता है और आर्गेनिक सब्जियां घर पर ही मिल जाती है। इस समय आपने घीया, तोरई, खीरा, करेला, भिंडी आदि लगा रखी होगी। तोरई की बेल से आप भर-भर के तोरई लेना चाहते हैं, तो ये लेख आपके लिए है। आज हम आपको एक तोरई के बेल से कैसे आप छप्पर फाड़ के पैदावार ले सकते हैं ये बताएंगे।
तोरई के पत्तों का रंग बदल गया है, तो करें ये उपाय (If the color of ridge gourd leaves has changed, then take these measures)
बहुत बार आपने नोटिस किया होगा कि पौधों के पत्ते का रंग फेड होने लगता है। बहुत बार ग्रीन या येलो कलर के धब्बे इनपर हो जाते हैं। पत्तों का अपना वास्तिवक रंग खो देने का मतलब है पौधे में आयरन की कमी। आपको पौधे में आयरन की कमी हो इस समय पूरा करना जरुरी है।
तोरई की बेल में डालें लोहे की कील (Insert iron nail into ridge gourd vine)
आपको जंग लगी लोहे की कील लेनी है या अन्य कोई सामान लेना है। ये बेल की जड़ के पास गाड़ देनी है। इससे जब आप पानी देंगे, तो जंग रिसाव होकर जड़ों में जाएगा। ऐसा करने पर आपके पौधे में आयरन की कमी पूरी होगी। आप किसी भी पौधे में ये उपाय कर सकते हैं।
तोरई में डालें ये फर्टिलाइजर (Add this fertilizer to ridge gourd)
आप चाहते हैं कि आपकी एक बेल से भरपूर पैदावार हो, तो आप इसमें नियमित रुप से फर्टिलाइजर डालें। आपको 18 बाई 18 इंच के गमले में एक बीज लगाना है और 24 इंच के ग्रो बैग में दो बीज लगाने हैं। जब ये 15 फीट लंबी हो जाए, तो इसमें 15 दिन के अंतराल में एक किलो खाद डालें। आप वर्मीकंपोस्ट, गोबर की खाद, बोनमील, नीमखली आदि मिलाकर डाल सकते हैं।
इसके अलावा आप हफ्ते दस दिन में बेल में छाछ का प्रयोग करें। छाछ को कुछ दिनों के लिए खट्टी होने के लिए रख दें। इसमें आप लोह की कोई वस्तु डाल दें, जिससे आयरन भी इसके अंदर घुल जाएगा। छाछ में कैल्शियम होता है। ये आपके पौधों को मजूबत बनाता है। कुछ दिनों बाद आप छाछ से तैयार इस लिक्विड की थोड़ी सी मात्रा पानी में मिलाएं और पौधों को दें। आप एक मुट्ठी राख भी बेल की जड़ में डाल सकते हैं।
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