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दिन प्रतिदिन तमाम प्रकार की नई-नई बीमारियां वातावरण में फैल रही है। पहले कोविड आया जिसने दुनिया को हिला कर रख दिया। दुनिया में वायरल इंन्फेक्शन वायरस के कारण होते है। फंगल इन्फेकशन अब तक आम लगता था लेकिन अब इसे सीरियस लेने की जरूरत है। क्योंकि कोविड के बाद दुनिया के लिए ये सबसे ज्यादा घातक बीमारी है। फंगल इन्फेक्शन लगातार लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। इसको हल्के में लेने वाले लोगों को सावधान होने की जरूरत है। ये हमारे लिए जानलेवा हो सकता है।

नया ग्लोबल थ्रेट है फंगल इन्फेक्शन

पहले लगता था कि फंगल इन्फेक्शन नॉर्मल है कोई बड़ी बात नहीं है। हमने अपने आप ठीक होने वाली बीमारी इसे मान लिया था, लेकिन अब अपने आप ठीक होने वाली ये बीमारी उतनी ही खतरनाक है जितना पहले कोविड था। WHO  का मानना है कि फंगल इन्फेक्शन एक नया ग्लोबल थ्रेट है।फंगल इन्फेक्शन फंगाई के कारण होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कई ऐसी फंगाई की सूची शेयर की है जो लोगों के लिए खतरा है। इनमें से कुछ फंगाई तो दवाईयों से भी ठीक नहीं हो रही।

फंगल इन्फेक्शन के प्रकार और नुकसान

कैंडिडा

कैंडिडा इन्फेक्शन मुंह या वजाइना में ज्यादा फैलता है। वजाइना से व्हाईट डिस्चार्ज ज्यादा निकलने लगता है। बुजुर्गों के मुंह में जो सफेद परत जम जाती है वो भी इसी की वजह से होता है। कई बार हम अच्छे से अपने शरीर की साफ सफाई नहीं करते है जिसकी वजह से भी ये होने का खतरा होता है। हमारा शरीर फंगल से बहुत बार लड़ नहीं पाता है और ये हम पर हावी हो जाता है।

क्रिप्टोकोकस इन्फेक्शन

ये इन्फेक्शन सबसे ज्यादा घातक होता है। इसकी वजह से इंसान की जान को भी खतरा होता है। क्रिप्टोकोकस इन्फेक्शन सीधा दिमाग पर हमला करता है। खून क जरिए ये फंगस पूरे शरीर में घुमता है और दिमाग तक पहुंच जाता है। बहुत बार इस्तेमाल की  हुई सीरिंज या सूई के द्वारा ये हमारे खून तक पहुंच बनाता है। इसीलिए कहा जाता है कि इस्तेमाल की हुई सीरिंज का दोबारा प्रयोग नहीं करना चाहिए ये कई बार जानलेवा बीमारियों को न्यौता दे देती है।

एस्परजिलोसिस इन्फेक्शन

ये सीधा हमारे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। नाक और फेफड़े इस इन्फेक्शन से ज्यादा प्रभावित होते है। डॉक्टर्स का मानना है कि ये  ब्रेड पर लगी फंफूदी के जैसा होता है।

म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस 

कोविड के समय ज्यादातर मामले ब्लैक फंगस के सामने आए थे। ये नाक और आंख के नीचे के हिस्से को ज्यादा प्रभावित करता है। जिनकी इम्युनिटी पावर कम होती है उन लोगों को ये आसानी से अपना शिकार बना लेता है। जो लोग स्टेरॉइड्स का ज्यादा प्रयोग करते है उनको भी ब्लैक फंगस होने का खतरा होता है।

हिस्टोप्लाज्मोसिस इन्फेक्शन

ये सबसे ज्यादा होने वाला इन्फेक्शन है। आसानी से लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं। इस इन्फेक्शन के कारण नाक बहने लगती है और बुखार आ जाता है। कभी-कभी निमोनिया भी इस इन्फेक्शन की वजह से हो जाता है।

दाद

दाद  भी एक तरह का इन्फेक्शन है, जो टिनिया कॉर्पोरिस नाम के फंगस से होता है। शरीर के गिले रहने वाले हिस्से में ये ज्यादा होता है। ये नॉर्मल होता है।

कारण

  • व्यस्त दिनचर्या
  • साफ सफाई नहीं रखना
  • पौष्टिक भोजन न लेना
  • हेल्दी लाइफस्टाइल नहीं अपनाना
  • नींद पूरी नहीं करना

बचाव

  • शरीर की साफ सफाई रखना
  • अंदरूनी अंगों को अच्छे से साफ करना
  • अच्छी डाइट लेना
  • नींद पूरी करना
  • योग करना

फंगल इन्फेक्शन होने के बाद तुरंत अपने डॉक्टर्स को दिखाना चाहिए। हम बहुत बार इस इन्फेक्शन को हल्के में ले लेते है जो आगे चलकर बहुत बड़ी समस्या का रूप ले लेता है। समय रहते अगर इन्फेक्शन पर काबू पा लिया जाता है तो ये गंभीर समस्या रुप नहीं लेता और इंसान ठीक हो जाता है। फंगल होने के लक्षणों में से अगर एक भी दिखता है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और ट्रीटमेंट शुरू करना चाहिए।

 

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