तनु काला चश्मा जचदा है जचदा ए गोरे मुखड़े ते, मुखड़ा काला हो या गौरा चश्मा तो हर किसी को लगाना पसंद होता है। बहुत से युवाओं में सनग्लासेस लगाने का बहुत क्रेज होता है। लेकिन आपका ये क्रेज आपको बहुत मंहगा पड़ सकता है। विशेषज्ञों ने इसको लेकर चेतावनी जारी कर दी है। आप भी दिन रात सनग्लासेस लगाए रखते हैं, तो ये लेख पढ़ लो।
ज्यादा समय तक सनग्लासेस लगाए रखने से हो सकती हैं ये बीमारियां
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डिप्रेशन का खतरा।
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हार्मोन्स में अंसतुलन।
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इनसोमिया।
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शरीर का सरकेडियन रिदम बिगड़ सकता है।
विशेषज्ञों का क्या कहना है जानते हैं।
“त्वचा को एक्सपोजर के लिए तैयार रहने से रोकता है”
एक वेबसाइट को जानकारी देते हुए हेल्थ ऑप्टिमाइजिंग बायोहैकर, साइकोलॉजी स्पेशलिस्ट, एंटरप्रेन्योर और ग्लोबल स्पीकर टिम ग्रे ने बताया है कि हर समय चश्मा पहने रखने से आपकी पीनियल ग्रंथि पर बुरा असर पड़ता है।हमारे दिमाग को संदेश जाता है कि बाहर बादल छाए हुए हैं इस वजह से ये त्वचा को स्किन एक्सपोजर के लिए तैयार रहने से रोक देता है।
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“आंखें थकावट से भर जाती है”
टीम ग्रे का कहना है कि हर वक्त चश्मा लगाए रखने से आपकी आंखों में थकावट रहने लगती है। नेचुरल प्रकाश के लिए इसको बहुत मेहनत करनी पड़ती है। इससे हमारी आंखों की रोशनी भी प्रभावित होती है।
टिम ग्रे ने ये भी कहा है कि सनग्लासेस हमेशा लगाने की वस्तु नहीं है। इसे ज्यादा धूप में या, स्कीइंग करते हुए,पानी में या ड्राइंविग करते हुए पहनना ही सही होता है। इससे हमारे शरीर में हार्मोन्स में अंसुतलन हो जाता है। ग्रे का कहना है “जब आपकी आंखें नेचुरल तरीके से सूर्य का प्रकाश एब्जॉर्ब नहीं करती है, तो आपके हार्मोन साइकिल बदल जाते हैं. इससे आपका बॉडी सिस्टम और मूड बदल जाता है”।
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