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‘परिवर्तन पदयात्रा आपके द्वार’ वीरवार को 46वें दिन में प्रवेश कर गई। हरियाणा परिवर्तन यात्रा के 46वें दिन इनेलो प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला हलका झज्जर के अनेक गांवों में गए। सबसे पहले तो ग्रामीणों ने अभय चौटाला के स्वास्थ्य का हाल चाल पूछा। इस पर अभय ने ग्रामीणों से कहा कि मेरा खून का एक-एक कतरा प्रदेशवासियों के लिए हैं। आप सबके प्यार, आशीर्वाद व समर्थन की बदौलत अब वे पूरी तरह स्वस्थ हैं।

यात्रा के दौरान अभय चौटाला के पैर में हुए छाले

बता दें कि यात्रा के दौरान अभय चौटाला के पांव में छाले हो गए थे और उनके पैर के एक अंगूठे का आप्रेशन भी हुआ। चिकित्सकों ने उन्हें चलने से मना कर दिया था जिसके चलते पिछले तीन-चार दिन से चौ. ओमप्रकाश चौटाला ग्रामीणों में उत्साह का संचार कर रहे थे। युवा, बुजुर्ग, पुरूष, महिलाएं ही नहीं बच्चे भी अभय चौटाला का स्वागत करने के लिए उमड़ रहे हैं।

ग्रामीणों ने अभय चौटाला की पीठ थपथपाई

वीरवार को उन्होंने झज्जर के मातनहेल, मुंदसा, अमादलपुर शाहपुर, अकेडी मदनपुर, बिरड़, लडायन, जमालपुर व साल्हावास का दौरा कर ग्रामीणों से संवाद किया। हरेक गांव में उन्हें यही सुनने को मिला कि वे अब इस जनविरोधी शासन से छुटकारा चाहते हैं। ग्रामीणों ने भीषण गर्मी में प्रदेशवासियों के हित के लिए यात्रा निकालने पर अभय चौटाला की पीठ थपथपाई और उन्हें समर्थन रूपी अपना आशीर्वाद दिया।

प्रदेश में कानून व्यवस्था का दिवालिया पिट चुका- चौटाला


जोरदार स्वागत के लिए अभय चौटाला ने सबका आभार जताते हुए कहा कि वे इस सम्मान को कभी भूल नहीं पाएंगे और इनेलो की सरकार बनने पर हलके के विकास में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा और जब तक रोजगार नहीं मिलता, तब तक 21 हजार रूपए प्रतिमाह भत्ता दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा गठबंधन सरकार ने प्रदेश का सत्यानाश करके रख दिया है। आज प्रदेश में कानून व्यवस्था का दिवालिया पिट चुका है।

सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं- चौटाला

हर दिन अपहरण, मर्डर, डकैती और बलात्कार जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। पुलिस विभाग में 20 हजार से अधिक पद खाली पड़े हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं। शिक्षकों के 25 हजार से अधिक पद खाली हैं। सरकारी अस्पतालों में दवाइयां व चिकित्सक नहीं है। आज किसान को उसकी फसल का दाम नहीं मिल रहा है। प्रदेश में हुई बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि से लाखों एकड़ फसल बर्बाद हो गई। सरकार किसानों को मुआवजा देने की बजाय किसानों को सर्वे और दस्तावेज पूरे करने के नाम पर परेशान कर रही है। सरकार को तत्काल किसानों को 50 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा देना चाहिए।

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