चंदा मामा दूर के…. हर किसी ने बचपन में ये कविता सुनी होगी या फिर अपने बच्चों को सुनाई होगी। चंदा मामा बच्चों के सबसे फेवरेट हैं।

बच्चा जब रोता है, तो मां चंदा मामा को दिखाती है और बच्चा अपने गोल मटोल या आधे अधुरे चंदा मामा को देखकर खुश हो जाता है।

चंद्रमा को मामा कहा जाता है ये हर कोई जानता है। लेकिन ऐसा सिर्फ भारत के लोग ही कहते हैं। चलिए इसकी सच्चाई जानते हैं।

भारत में चंदा मामा को लेकर कई कहानियां प्रचलित है। पौराणिक कथाओं में इसके पीछे कहानी है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब संमुद्र मंथन हो रहा है, तब मां लक्ष्मी  के बाद कई तत्व बाहर निकले थे, इन सभी तत्वों में से चंद्रमा भी एक था।

इन तत्वों को मां लक्ष्मी की मां, भाई, बहन आदि माना गया। हिंदू धर्म में लक्ष्मी को मां माना जाता है चंद्रमा उनके भाई हुए, इसलिए चंदा हमारे मामा हुए।

चांद पृथ्वी के चारों और चक्कर लगाता है, जोकि एक भाई की तरह रक्षा करता है। पृथ्वी हमारी मां हुई और चंदा हमारे मामा।

अन्य देशों में चांद को सिर्फ मून, चंद्रमा या अन्य प्रचलित नामों से जाना जाता है। भारत में ही इसको चंदा मामा बोलते हैं।

ये स्टोरी सिर्फ अन्य सूचनाओं पर आधारित है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का द यूनिक भारत का कोई उद्देश्य नहीं है।

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