बाजार की खाद की जगह किचन वेस्ट या रसोई से निकलने वाले कचरे को ही खाद के रूप में बदलकर प्रयोग करना चाहिए।
खाद बनाने के लिए सूखी पत्तियां, फलों-सब्जियों के छिलके, घास, , अखरोट के छिलके, लकड़ी का चूरा, चाय पत्ती, कटा कागज, कार्ड बोर्ड, अंडे के डिब्बे आदि को एकत्रित करें।
सबसे पहले किचन के कचड़े से हरी सामग्री (नाइट्रोजन युक्त) और सूखी सामग्री ( कार्बन युक्त) चुनें। हरी वस्तुओं में केले के छिलके, बची हुई सब्जियां और फलों के छिलके हैं।
दूसरी ओर सूखी सामग्री में लकड़ी का चूरा, लकड़ी के चिप्स, कटा हुआ कागज, कार्डबोर्ड या घास के तिनके हैं।
कम्पोस्ट बनाने के लिए कचरे को छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित कर दें। इसमें पत्तों, छिलकों आदि को कैंची की मदद से काटा जा सकता है।
आपको कचरे की मात्रा यानी जितना कचरा है उसके अनुसार एक कंटेनर लेना होगा। उसके अंदर पूरा कचरा इकट्ठा कर लें।
कंटेनर में 5-6 छिद्र होने चाहिए ताकि ऑक्सीजन का प्रवाह अच्छी तरह से बना रहे। अपशिष्ट कचड़े से खाद बनाने के लिए मिश्रण में नमी रहना भी जरूरी है।
कम से कम 3 हफ्ते से लेकर 3 महीने तक खाद बनने का इंतजार करना चाहिए। 2 से 3 महीने के बाद अपशिष्ट सड़ जाते हैं और मिट्टी का रूप ले लेते हैं।
हमें मांस, डेयरी उत्पाद, तेल या अत्यधिक तैलीय पदार्थ, टिशू पेपर या अन्य पेपर, मछली उत्पाद आदि चीजों को खाद के लिए नहीं रखना चाहिए।
किचिन वेस्ट से तैयार खाद काे सॉइल मिक्स में मिलाएं। समय-समय पाैधों में डालते रहें। यह पौधों की जरूरत को पूरा करती है।
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