मरुआ सेहत को अनोखे फायदा पहुंचाता है। इसको बनतुलसी, नागबेल, नादबोई, मांड आदि भी कहा जाता है।

मरुआ में विटामिन सी, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम और पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है, जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं। 

मरुआ की पत्तियां चबाने से पेट के कीड़े मरते हैं और पेट का संक्रमण भी इससे ठीक हो जाता है। आप 6-7 पत्तियां चबा सकते हैं। 

बदलते मौसम के वायरल ने आपको जकड़ लिया है तो इसकी पत्तियों की चाय बनाकर पीएं या फिर काढ़ा बनाकर पीना भी खांसी, जुकाम में राहत देता है।

इसमें फाइबर की मात्रा होती है। अपच, गैस, कब्ज जैसी समस्या से छुटकारा दिलाने में मरुआ हेल्प करता है।

मरुआ की पत्तियां चबाने से मुंह की दूर्गंध दूर होती है और मसूड़ों की सूजन कम करने के लिए भी ये फायदेमंद मानी जाती हैं। 

सिरदर्द होने पर इसकी पत्तियों को पीसकर सिर पर लेप करने से राहत मिलती है। नाक में फूंसी होने पर भी इसकी पत्तियों को सूंघा जाता है।

मरुआ की पत्तियों का इस्तेमाल आप चटनी बनाने के लिए भी कर सकते हैं और पुदीने की पत्तियों की तरह इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। 

रायता में या सलाद के ऊपर इसके फूलों का छिड़का जा सकता है। इसकी सौंधी सुंगध काफी मनमोहक लगती है।

कहा जाता है कि मरुआ के पौधे की तैलीय सुंगध की वजह से सांप, कीट, मच्छर इसके पास नहीं आते हैं।

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