हरसिंगार के फूल हर कोई लगाना पसंद करता है। ये फूल सुंदर होने के साथ कई बीमारियों में भी काम आता है, तो चलिए जानते हैं इसके अनगिनत फायदों के बारे में...
हसिंगार को पारिजात भी बोला जाता है, इसका फूल सफेद रंग का होता है। हरसिंगार के फूल, तना, जड़, पत्ते सभी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। ये फूल मां दुर्गा और विष्णु को चढ़ाया जाता है।
संस्कृत में इसको पारिजात, शेफाली या शेफालिका कहा जाता है। सामान्य नामों के बारे में बात करें तो इसको रात की रानी, हरसिंगार, पारिजात, दुखों का पेड़, नाइट जैसमीन, कोरल जैसमीन, शिउली कहा जाता है।
बवासीर के इलाज के लिए हरसिंगार का प्रयोग किया जाता है। हरसिंगार के बीजों का पेस्ट बनाकर लगाने से मलत्याग में परेशानी नहीं होती है और कुछ ही दिनों में बवासीर भी ठीक हो जाती है।
हरसिंगार को बालों और स्किन के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। हरसिंगार के फूलों का अच्छे से धोकर मेथीदाना और करी पत्ते के साथ इनको अच्छे से पीसकर बालों में लगाएं।
पान के साथ हरसिंगार की छाल का सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है। हरसिंगार के पत्तों को पीसकर इसका रस निकालकर शहद के साथ लेने से सुखी खांसी में राहत मिलती है।
हरसिंगार के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से जोड़ो के दर्द में राहत मिलती है। हरसिंगार के कुछ पत्ते लें और उसे पानी में उबालें, जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छानकर पीने से दर्द में राहत मिलती है।
अरोमाथेरेपी में इसके फूल काम आते हैं। डिप्रेशन से निकलने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। ये दिमाग में सेरोटोनिन को बढ़ाता है और चिंता और तनाव से दूर रखता है।
हरसिंगार के फूलों से बनी चाय पीने से भी नार्मल सर्दी खांसी, जुकाम में राहत मिलती और इसके पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से सूजन में राहत मिलती है।
काली मिर्च के साथ हरसिंगार के फूलों की कलियों का सेवन महिला करती है, तो ये महिलाओं से संबंधित रोगों की रोकथाम में उपयोगी है। मलेरिया की रोकथाम में भी ये उपयोगी है।
इस स्टोरी में दी गई हरसिंगार के अनगिनत फायदों के बारे में जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट करके अपनी राय जरुर दीजिए। इस प्रकार की अन्य जानकारी के लिए जुड़े रहिए द यूनिक भारत के साथ...