लोगों की दांतों को लेकर बहुत समस्याएं होती है। हर रोज टूथब्रश करने के बाद भी दांतों का पीलापन नहीं जाता। कैल्शियम युक्त आहार लेने पर भी दांतों में सफेद रंग की लाइन्स नजर आती है। ये दांतों में दर्द, पीलापन, दांतों का थोड़े हिस्से का टूट जाना ये समस्या सबकी कॉमन है। आज के इस लेख में जानेंगे की वो कौन से तरीके हैं जिनसे हम अपने दांतों को मजबूत बना सकते हैं।
सरसों के तेल में नमक डालकर लगाएं
ये एंटी सेप्टिक और एंटी बैक्टीरियल है, जिससे हमारे दांतों को स्वस्थ रखा जा सकता है। ये तरीका मसूडों और दांतों की बाहरी बैक्टीरिया से रक्षा कर सकता है। सरसों के तेल में नमक मिलाकर आपको कुछ समय तक दांतों की मालिश करनी है। इससे आपके दांत मजबूत होंगे। ये घरेलू नुस्खा है।
आंवला पाउडर के इस्तेमाल से
माना जाता है कि आंवला पाउडर की हेल्प से दांतों को मजबूत किया जा सकता है। एक चम्म्च आंवला पाउडर में पानी मिलाकर दांतों पर अप्लाई करना है। पेस्ट को कुछ समय के लिए दांतों पर लगाएं। इसके इस्तेमाल से आपके दांतों में फर्क दिखाई देगा और पहले से मजबूत हो जाएंगे।
नीबूं का रस
नींबू भी हमारे दांतों को मजबूत करने में हेल्प कर सकता है। एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर उसके पानी से कुल्ला करना है। माना जाता है कि नींबू बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है। इससे दांतों पर लगे बैक्टीरिया की पकड़ ढिली हो जाती है।
पुदीने का तेल
पुदीने के तेल में एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबैक्टीरियल गुण होते हैं। पुदीने के तेल का इस्तेमाल दांतों को मजबूती प्रदान करता है। बहुत से लोगों को दांत हिलने की समस्या होती है। पुदीने का तेल आपकी इस समस्या को खत्म कर सकता है।
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अमरुद के पत्ते
माना जाता है कि अमरुद के पत्तों के इस्तेमाल से दांत का दर्द ठीक हो जाता है। ये दांतों को मजबूत भी बनाता है। अमरुद के पत्तों से दांतों की सेंसिटिविटी दूर हो जाती है। इसके पत्ते आप चबा भी सकते हैं और पेस्ट बनाकर दांतों पर भी लगा सकते हैं।
तुलसी
तुलसी में बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं। ये मुंह के संक्रमण से भी बचाती है और दांतों को मजबूत करने में भी हमारी मदद करती है। इससे कैविटी की समस्या नहीं होती। मुंह से दुर्गंध नहीं आती और बैक्टीरिया भी कम हो जाते हैं।
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