हमारे देश में नागा साधुओं का बड़ा महत्व है। कुंभ के मेले में नागा साधुओं का स्नान सबसे बड़ा माना जाता है। आपने कभी सोचा है नागा साधु सिर्फ पुरुष ही क्यों बनते हैं महिलाएं नागा साधुओं के वेश में क्यों नहीं दिखाई देती। इस लेख में महिला नागा साधु के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।
क्या महिला नागा साधु रहती है नग्न!
ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने एक वेबसाइट को जानकारी देते हुए बताया कि ऐसा बहुत लोग मानते हैं कि महिलाओं को नागा साधु बनने के बाद नग्न रहना पड़ता है। लेकिन इन बातों में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। महिलाओं को कपड़े पहनने की अनुमति होती है। महिलाओं को एक ही वस्त्र पहनने की इजाजत होती हैं, लेकिन वो सिला हुआ नहीं होता। बहुत सी महिलाएं वस्त्रों का त्याग भी कर देती हैं। वस्त्रों का त्याग करने वाली महिलाएं सबके सामने नहीं आती।
महिला नागा साधु कैसी बनती है
ज्योतिष एक्सपर्ट का कहना है कि भारत में सिर्फ एक ही अखाड़ा महिलाओं को नागा साधु बनने की अनुमति देता है। उसका नाम दशनाम संन्यासिनी अखाड़ा है जो महिलाओँ को साध्वी बनाने की इजाजत देता है। और अखाड़ों में सिर्फ पुरुषों को ही नागा साधु बनने की इजाजत दी जाती है।
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6 साल की उम्र से ही देनी पड़ती हैं परीक्षाएं
महिलाओं को नागा साधु बनने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। 6 साल की आयु से ही उन्हें ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है। अगर महिला ये सब करने में सक्षम पाई जाती है, तो उसे साध्वी बनने की इजाजत दी जाती है। इसके साथ-साथ बहुत से नियमों का पालन भी महिला को करना पड़ता है। गुफा वास,तप, नदी में स्नान,खाने-पीने से जुड़े कठोर नियमों का पालन महिला द्वारा किया जाता है।
गेरुएं रंग के वस्त्र करती हैं धारण
महिला नागा साधु जो कपड़े पहनती हैं उनको गंती कहा जाता है। ये सिर्फ गेरूएं रंग के वस्त्र पहनती हैं। महिला नागा साधुओं के गुरू को इनके जीवन से जुड़ी सब बातें पता होती है। ये कठिन तपस्या करती हैं। महिला नागा साधु सबके सामने नहीं आती है। ये कुछ खास ही दिनों में सबके सामने आती है। कुंभ के मेले में इनको देखा जा सकता है।
नागा साधुओं की निर्वस्त्र होने की होती है अनुमति
नागा एक पदवी है। वैष्णव, शैव और उदासीन तीन सम्प्रदाय है और इन्हीं को मिलाकर अखाड़े बनते हैं। तीनों सम्प्रदाय को मिलाकर कुल 13 अखाड़े हैं, जहां पर नागा साधु बनाए जाते हैं। नागा साधुओं को निर्वस्त्र होने की अनुमति होती है। ये तपस्या के लिए अपने वस्त्रों का त्याग करते हैं। हालांकि कुछ नागा साधु वस्त्रों का त्याग नहीं भी करते हैं।
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