हर किसी को अपने घर में रंग – बिरंगे फूलों के पौधे लगाने का शौक होता है। ज्यादातर लोग अपनी छत पर गार्डनिंग करते हैं,सब्जियां भी उगाते हैं। लेकिन जानकारी के अभाव में बहुत सी ऐसी गलतियां कर देते हैं,जिसका खामियाजा हर भरे पौधों को भूगतना पड़ता है। इस लेख में आज हम बताएंगे की आपको पौधों में खाद डालते समय किन बातों को ध्यान में रखना है।
सीमित मात्रा में डालें खाद
बहुत से लोग होते हैं, जो बार-बार पौधों में खाद डालते रहते हैं। पौधे में खाद की मात्रा ज्यादा होने पर वो मुरझाने लगता है और पत्ते पीले होने लगते हैं। पौधे की ग्रोथ में भी रुकावट आ जाती है। खाद ज्यादा डालने से मिट्टी की गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ता है। माना जाता है कि ज्यादा खाद कीटों को भी आकर्षित करती है। कीट आपके पौधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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तेज धूप में न डालें खाद
पौधे में गलत समय पर खाद देना भी सही नहीं है। तेज धूप में खाद देने पर पौधे को नुकसान पहुंचता है। खाद भी आपके पौधों के जड़ों तक नहीं पहुंच पाएगी। इसलिए हमेशा शाम के समय ही पौधों में खाद डालने का प्रयास करें।
खाद डालकर जरूर दें पानी
बहुत बार हम पौधों में खाद तो डाल देते हैं, लेकिन पानी नहीं देते हैं। कोशिश करें कि खाद डालकर हमेशा अपने पौधों में पानी दें ताकि सारे पोषक तत्व पौधे को मिल सके। पानी डालने के बाद खाद के सारे पोषक तत्व पौधे की जड़,तना, पत्तियों में समाहित हो जाते हैं।
खाद में पोषक तत्वों नहीं होनी चाहिए कमी
फल-फूल देने वाले पौधों को ज्यादा मात्रा में फॉस्फोरस और पोटेशियम की जरूरत होती है। इसलिए हमेशा इन दोनों की मात्रा खाद में भरपूर होनी चाहिए, ताकि आपका बगीचा हराभरा रहे।
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किचिन गार्डन के लिए जैविक खाद
जैसे हमारे शरीर के विकास के लिए पोषण की जरूरत होती है वैसे ही पेड़ पौधों के विकास के लिए पोष्टिक तत्वों की जरूरत है। जिसमें मुख्य तौर पर नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम हैं। यदि हम इन घटकों की जरूरतों को जैविक खाद के माध्यम से पूरा करते हैं तो पौधों का सही विकास होता है। इसके साथ ही हम जहरमुक्त फल प्राप्त करते हैं साथ ही पर्यावरण को साफ में अपना योगदान देते हैं। पौधों की इन जरूरतों को हम रसोई के माध्यम से भी पूरा कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको जैविक खाद के बारे में विस्तार से बताते हुए रसोई से तैयार होने वाली कम्पोस्ट के बारे में बताएंगे।
किचन वेस्ट कंपोस्टिंग
किचन वेस्ट से जैविक खाद बनाने के लिए रसोई के कचरे और फूड स्क्रैप को जैविक रूप से विघटित किया जाता है। रसोई के कचरे में कार्बनिक पदार्थ होते हैं। फूड स्क्रैप वास्तव में विटामिन, खनिज और अन्य पोषक तत्वों के अच्छे स्रोत हैं। जिनका इस्तेमाल मिट्टी के लिए और घर पर पौधों और फसलों को उगाने के लिए खाद बनाने में किया जाता है। किचिन वेस्ट में ऐसे सूक्ष्म जीव होते हैं जो कचरे को जल्दी से कंपोस्ट में परिवर्तित कर देते हैं।
गोबर खाद
किचन गार्डन के लिए गोबर का खाद सबसे आसानी से उपलब्ध होने वाली अच्छी जैविक खाद है। इस खाद में पोटेशियम, मैग्नीशियम, नाइट्रोजन, कैल्शियम, जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। पोष्टिकता से भरपूर होने और आसानी से मिलने की वजह से गोबर की खाद अच्छी मानी जाती है। गोबर खाद का उपयोग सब्जी लगे गमले की मिट्टी में सीधे तौर पर कर सकते हैं।
बोन मील खाद
बोन मील खाद पोषक तत्वों से भरपूर होती है। किसी भी पौधे के लिए बहुत ही उपयोगी जैविक खाद है। इस खाद को जानवरों की हड्डियों को पीसकर बनाया जाता है। बहुत से लोग इसे अपने पौधों में लगाते हैं। वहीं बहुत से शाकाहारी लोग इस खाद को लगाने से परहेज करते हैं। इसमे कैल्शियम, फास्फोरस, नाइट्रोजन, जैसे कई तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।