वर्तमान समय में गंजापन एक बड़ी समस्या है। आजकल यह समस्या छोटे बच्चों में भी देखने को मिल रही है। जिसकी वजह से बच्चे काफी परेशान रहते हैं। दरअसल बाल हमारी पर्सनालिटी के लिए बहुत जरूरी होते हैं। आज के दौर में बच्चे हो या बड़े हर कोई अप टू डेट और फैशनेबल रहना पसंद करता हैं। इसलिए अपने बाल खोने से सभी को डर लगता है। आज तक गंजेपन की समस्या का कारण खानपान, जीवन शैली, बीमारियां और व्यक्ति के जींस को माना जाता रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं व्यक्ति की उंगली छोटी होने से भी गंजापन हो सकता है। जी हां हाल ही में पुरुषों पर हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि जिन पुरुषों की तर्जनी उंगली अनामिका उंगली से छोटी होती है उनमें गंजापन आने की संभावना 6 गुना अधिक होती है।
ताइवान की रिसर्च में बड़ा खुलासा
ताइवान में हाल ही में हुई एक रिसर्च में वैज्ञानिकों ने ये बताया कि ऐसे पुरुष जिनकी तर्जनी उंगली यानी (इंडेक्स फिंगर) अनामिका उंगली यानी (रिंग फिंगर) से छोटी है उनके गंजे होने की संभावना 6 गुना ज्यादा है। महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन ज्यादा पाया जाता है। टेस्टोस्टेरॉन पुरुषों में स्रावित होने वाले एंड्रोजन ग्रुप स्टेरॉयड हार्मोन है। मानव शरीर के अंदर कुछ एंजाइम ऐसे होते हैं जिसके चलते टेस्टोस्टेरॉन डिहाइड्रो-टेस्टोस्टेरॉन में बदल जाता है। जिसके कारण बाल झड़ने की समस्या पैदा होती है। ताइवान के वैज्ञानिकों ने बताया है कि उंगलियों की अतिरिक्त लंबाई इस टेस्टोस्टेरोन के अधिक होने का संकेत हो सकती है। जो बालों के रोम छिद्रों को कम करता है।
240 पुरुषों पर हुई रिसर्च
विशेषज्ञों का कहना है कि बड़ी अनामिका उंगली पुरुषों में हाई टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के ज्यादा होने के रिस्क से जुड़ी हुई है। ताइवान के वैज्ञानिकों ने एंड्रोजेनिक एलोपेसिया नामक कंडीशन वाले 37 वर्ष से ज्यादा आयु के 240 पुरुषों के हाथों पर एनालिसिस किया। इस दौरान उन्होंने माना कि बड़ी अनामिका उंगली पुरुषों में हाई टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के ज्यादा होने के रिस्क से जुड़ी है । मेल पैटर्न बाल्डनेस को पुरुषों में गंजेपन का पैटर्न कहा जाता है । यह तब होता है जब अत्यधिक मात्रा में सेक्स हार्मोन डाइहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन का उत्पादन होता है, जो बालों के विकास चक्र को प्रभावित करता है.
रिसर्च के प्रमुख शोधकर्ता ने बताई वजह
रिसर्च को लेकर ताइवान में काऊशुंग मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. चिंग-यिंग वू ने बताया कि, ”हमारे अध्ययन में पाया गया कि दाएं हाथ की दूसरी उंगली का अनुपात चौथी उंगली से जितना कम होगा, गंजापन विकसित होने का जोखिम उतना ही अधिक होगा।” बता दें कि पुरुषों में हाई टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की अधिकता पुरुषों में हृदय रोग, शुक्राणुओं की घटती संख्या और ऑटिज्म की बीमारी के साथ ही गंजेपन से भी जुड़ी है।