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Written by- MAMTA YADAV

आजकल बहुत सी बीमारियां हार्मोनल अंसुतलन के कारण हो रही हैं। महिलाओं को समझ नहीं आ रहा है कि ये सब क्या हो रहा है। ज्यादातर महिलाएं इसको इग्नोर भी कर रही हैं। हार्मोन असंतुलित होने के कई कारण हो सकते हैं। इसी मामले में स्त्री रोग विशेषज्ञ का क्या कहना है चलिए जानते हैं।

महिलाओं के स्वास्थ्य पर हार्मोन का बहुत प्रभाव पड़ता है। चरखी दादरी से रनबीर हॉस्पिटल एंड मेटरनिटी केयर हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नीतू फोगाट का कहना है कि कोई भी चीज बहुत अधिक या बहुत कम पूरे सिस्टम में असंतुलन पैदा कर सकता है। आपके शरीर के केमिकल घटक होते हैं जिनकी शरीर में कई ग्रंथियां बनती हैं। ये शक्तिशाली केमिकल खून के साथ आपके पूरे शरीर में फैले होते हैं और ऊतकों व अंदरूनी अंगों को उनके काम करने में मदद करते हैं।

क्या होता हार्मोन असंतुलन

डॉक्टर फोगाट का कहना है कि ये शरीर में भी कई मुख्य प्रक्रियाओं को कंट्रोल करने में मदद करते हैं, जिसमें मेटाबॉलिज्म और प्रजनन आदि भी शामिल हैं। जब हार्मोन का संतुलन खराब हो जाता है तो शरीर का कोई विशेष हार्मोन या तो बहुत कम हो जाता है या बहुत अधिक हो जाता है, इस स्थिति को हार्मोन असंतुलन (हार्मोनल इम्बेलेंस) कहा जाता है। गाइनो डॉक्टर नीतू फोगाट ने बताया असंतुलन तब होता है जब बहुत अधिक या बहुत कम हार्मोन का उत्पादन होता है और ब्लड प्लो में छोड़ दिया जाता है जो प्रभाव डालता है। इसका सभी महत्वपूर्ण और प्रमुख शरीर प्रणालियां जिनका हमारे पूरे स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है।

हार्मोनल असंतुलन के लक्षण

1-अनियमित नींद।
2-बहुत ज़्यादा पसीना आना।
3-अस्पष्टीकृत वजन बढ़ना या कम होना।
4-लगातार थकान।
5-लालसा और खराब पाचन।
6-सूजन।
7-मिजाज।
8-अनियमित अवधि।
9-सिरदर्द।
10-भारी या दर्दनाक अवधि।
11-त्वचा संबंधी समस्याएं।
12-प्रजनन संबंधी समस्याएं।
13-योनि का सूखापन।

हार्मोनल असंतुलन के कारण

  • उम्र।
  • तनाव की अधिकता।
  • अस्वस्थ जीवनशैली।
  • स्टेरॉएड दवाओं का अधिक सेवन।
  • ज्यादा वजन या कुछ खास दवाओं के कारण हार्मोन्स के स्तर में गड़बड़ी हो सकती है।

नेचुरल तरीके से हार्मोंस को संतुलित कैसे करें

  1. पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें ।
  2. समय पर भोजन करने की आदत डालें।
  3. पर्याप्त भोजन के अतिरिक्त ताजा फलों का भी सेवन जरुर करें।
  4. पर्याप्त नींद लें, एक व्यस्क व्यक्ति को लगभग 6-7 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए।
  5. अपनी दिनचर्या में व्यायाम एवं प्राणायाम को भी जगह दें। रोज सुबह उठकर व्यायाम करें और तनाव से बचने के लिए ध्यान और प्राणायाम करें।
  6. अधिक से अधिक खुश रहने की कोशिश करें, क्योंकि तनाव के कारण हार्मोन्स में असंतुलन आता है।

ये होते हैं हार्मोनल टेस्ट

  • एस्ट्रोजन टेस्ट
  • फास्टिंग इंसुलिन टेस्ट
  • थायराइड प्रोफाइल टेस्ट
  • प्रोजेस्टेरोन टेस्ट
  • टेस्टोस्टेरोन टेस्ट

साइट पर दिए गए विचार निजी है। यूनिक भारत किसी के भी निजी विचारों का समर्थन नहीं करता है।

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गाइनो डॉ नीतू फोगाट ने बताया कि अगर आपको कोई भी ऐसा लक्षण लगता है कि आपके हार्मोन बैलेंस ठीक नहीं है तो जो टेस्ट बताए गए हैं वह कराएं और उसके बाद डॉक्टर को रिपोर्ट्स दिखाएं। रिपोर्ट के अनुसार डॉक्टर आपको दवाइयां बताएंगे कि उन्हें किस प्रकार और कितने दिनों तक लेना है।  खुद डॉक्टर ना बनें। ऐसी स्थिति में डॉक्टर के पास जाएं और अपनी समस्या को डॉक्टर को बताकर उसका समाधान तुरंत करवाएं।

नीतु फोगाट, स्त्री रोग विशेषज्ञ, चरखी दादरी
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