बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा नुकसान गुलाब के पौधे को होता है।
अब बरसातें बंद हो रही हैं। इसके साथ ही जरुरी हे कि हम इस पौधे को भी दोबारा फूल लाने के लिए तैयार करें।
तेज बरसात में पौधे को अंदर रखा गया था। अब इन पौधों को बाहर रखें।
पौधों को अब पूर्ण रुप से धूप दिखानी जरुरी है। इससे फगंस और कई बैक्टरिया खत्म हो जाएंगे।
मिट्टी को चेक करके इससे खरपतवार हटाएं। बारिश रुकने पर पौधों की गुड़ाई जरुरी है।
गुड़ाई के बाद इनको धूप दिखाएं। इससे गीली मिट्टी एक दो दिन में सूख जाएगी।
इस प्रक्रिया को दोहराने से पौधे को ऑक्सीजन अच्छे से मिलती है।
गुलाब के पौधे में चायपत्ती बेस्ट फर्टिलाइजर है। यूज की हुई या फ्रेश चायपत्ती ले सकते हैं।
यूज की हुई 4-5 चम्मच पौधे में डालें। ध्यान रहे ये अच्छे से धोकर सूखा लें। फ्रेश चायपत्ती एक पौधे के लिए 1 चम्मच यूज करें।
इसके बाद इसमें 1-2 चम्मच नीम खली पाउडर डालें। इनको मिट्टी से अच्छे से कवर कर दें।
मिट्टी सूखी होने पर ही ये काम ट्रीटमेंट करना है। इसके बाद आपको नींबू से तैयार लिक्विड फर्टिलाइजर देनी है।
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