गर्मी का प्रकोप दिन ब दिन बढ़ता ही जा रहा है। शाम और सुबह हल्की ठंड होती है, लेकिन दिन में झूलसा देने वाली गर्मी पड़नी शुरू हो चुकी है। मार्च के आते ही सूर्य देवता ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है। किसानों की फसलों के लिए ये दिन का तापमान कतई सही नहीं है। सरसों तो कटने की कगार पर है और कुछ लोगों ने कटाई शुरू भी कर दी है। लेकिन गेंहू के कटने का समय आने में अभी वक्त लगेगा।
तापमान बढ़ने के साथ बढ़ेगी किसानों की चिंता
दिन का तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस व रात का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है। जब तक तापमान इतना रहता है तब तक किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि रात और दिन का तापमान औसत मिलाकर 22 डिग्री सेल्सियस होता है। ये तापमान गेंहू की फसल केलिए अति उतम है। औसत 24 डिग्री सेल्सियस तापमान को गेंहू की फसल सहन कर सकती है। अगर दिन का तापमान बढ़कर 35 डिग्री सेल्सियस हो जाएगा तो किसानों के लिए मुश्किल है। तापमान में थोड़ी से बढ़ोतरी होते ही गेंहू के दानों पर बुरा प्रभाव पड़ना शुरू हो जाएगा।
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किसानों को सलाह
- अपनी फसल में हल्की-हल्की सिंचाई करते रहें।
- तेज हवा चलने पर सिंचाई रोक दें, नहीं तो फसल गिरने की संभावना हो जाएगी।
- जिन किसानों के खेत में फव्वारा सिस्टम है वो दिन में आधे घंटे तक सिंचाई करें।
- अगेती गेंहू में बीज निकला हुआ है तो 400 ग्राम पोटाश 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
- पछेती गेंहू में पोटाशियम क्लोराइड का छिड़काव 15 दिनों के अंतराल में बार-बारे करें।
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