पौधों की दोगुनी रफ्तार से बढ़ोतरी हो, इसके लिए लोग तरह-तरह के फर्टिलाइजर यूज करते हैं। 

पौधों पर फूलों की संख्या और फलों की संख्या बढ़ाने के साथ लोग बीमारियों से बचाने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। 

पौधों को हराभरा रखने के लिए लस्सी का प्रयोग करते हैं। जानते हैं कौन से पौधों में लस्सी डालनी है और कौन से पौधों में नहीं डालनी। 

लस्सी का प्रयोग कई पौधों को स्वस्थ रखता है और फंगल जैसे रोगों से बचाता है, लेकिन कई पौधों को ये नुकसान भी पहुंचाती है। 

बहुत से ऐसे पौधे हैं, जिनमें कैल्शियम की मात्रा ज्यादा होती है। लस्सी में भी कैल्शियम होता है, इसलिए छाछ इन पौधों में नहीं डालते। 

टमाटर के पौधे में लस्सी डालने से ये खराब हो सकता है। इसलिए आपको टमाटर के पौधों में लस्सी नहीं डालनी है। 

बहुत से पौधों की ग्रोथ लस्सी बढ़ाती है, लेकिन गोभी जैसी सब्जियों के पौधे में लस्सी डालने से आपको बचना है। 

आप मशरूम के पौधों में लस्सी का प्रयोग बिल्कुल भी  न करें। इस पौधे में लस्सी डालना है नुकसानदायक है।  

आप करी पत्ता, पारिजात जैसे पौधों में सीमित मात्रा में लस्सी डालते हैं, तो ये इनकी ग्रोथ को बढ़ाती है। 

आप लस्सी का प्रयोग बेलपत्र, पुदीना, स्ट्राबेरी, ब्लूबेरी और पुदीना जैसे पौधों में कर सकते हैं।

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