बहुत बार गमले की मिट्टी कठोर हो जाती है, जो पानी डालते हैं वो मिट्टी सोखती नहीं है बल्कि ड्रैनेज हाल से बाहर आ जाता है।

मिट्टी बिल्कुल टाइट पत्थर जैसी हो गई है,इसमें से दरारे नजर आ रही हैं तो समझ जाइए कि आपके गमले की मिट्टी सिकुड़ रही है।

गर्मी में डिहाइड्रेशन के चलते मिट्टी कठोर होती है और जरुरत से ज्यादा पानी डालना या समय पर पानी नहीं मिलने से भी ऐसा होता है।

गमले में पानी देने की वजह से कई बार मिट्टी में नमक जमा हो जाता है और इससे मिट्टी के जलनिकासी छिद्र बंद हो जाते हैं।

पौधों को उनकी जरुरत के हिसाब से ही पानी दें, इससे मिट्टी सख्त होने से बच जाएगी।आप मिट्टी की नमी चेक करते रहें। 

पौधों को तेज धूप में रखने की बजाए, उन्हें आंशिक छांव में रखें। ऐसा करने पर आपके गमले की मिट्टी सख्त होने से बच जाएगी। 

सही मिट्टी का प्रयोग नहीं करने से होता है। अच्छी ड्रेनेज वाली पोरस पॉटिंग सॉइल का इस्तेमाल आपको करना चाहिए।

गमले की मिट्टी को नरम बनाने के लिए आप इसमें पानी डालें और फिर इसको फीट करें। जब तक ये नरम न हो, तब तक ऐसा करें।

कठोर हो चुकी मिट्टी को रेकर की मदद से तोड़ दें, इससे मिट्टी ठीक हो जाएगी। रेक करने के लिए गार्डन फोर्क या हैण्ड कल्टीवेटर का प्रयोग करें।

गमले की मिट्टी की गुड़ाई करें। ध्यान रहे जड़ों को नुकसान नहीं पहुंचाना है। गुड़ाई करके मुलायम मिट्टी भर दें। 

जिप्सम, जैविक खाद और वर्मीकंपोस्ट मिलाकर आप अपने गमले की सख्त मिट्टी को नरम कर सकते हैं। ज्यादा जानकारी के लिए लिंक पर जाए।