पौधों को विकसित होने के लिए पोषक तत्वों की जरुरत होती है और लोग नीम खली और सरसों की खली का इस्ते
माल करते हैं।
पौधों के विकास के लिए सरसों की खली डालना बेस्ट है, लेकिन कुछ फलों, सब्जियों और फूलों के पौधे में
ये नहीं डालनी चाहिए।
इससे तेज गंध आती है, तो कई लोग कीटों से बचाव के लिए भी कई पौधों में सरसों की खली का प्रयोग करते
हैं।
पौधे या बीज को उगाने से पहले आप सरसों की खली डाल सकते हैं। ग्रोइंग सीजन में भी पौधों को ये खाद द
ें।
आपको टमाटर, भिंडीं, फूलगोभी, बंदगोभी, आलू, मटर, लहसून, प्याज और मिर्च जैसी सब्जियों में सरसों की
खली नहीं डालनी है।
आपको फलदार पौधे जैसे सेब, अंगुर, नींबू, नारियल, अंजीर और आम पर सरसों की खली का इस्तेमाल नहीं करन
ा है।
आपको गुलाब, चंपा, चमेली,गेंदा, बेला, डहेलिया,बखरा, मोगरा और कमल जैसे फूल के पौधों पर सरसों की खल
ी का इस्तेमाल नहीं करना है।
हालांकि सरसों की खली बेस्ट फर्टिलाइजर है, जो आपके पौधे के लिए जरुरी है, लेकिन कुछ पौधों में इसका
प्रयोग नहीं होता।
मिट्टी तैयार करते समय इस फर्टिलाइजर का प्रयोग लोग करते हैं, जिससे पौधे को पोषण मिलता है।
आप सरसों की खली का इस्तेमाल फूल आने से पहले पौधों में एक बार कर सकते हैं। ये बढ़िया प्राकृतिक खा
द है।
बागवानी से संबंधित अन्य जानकारी के लिए आप लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। द यूनिक से जुड़ने के लिए धन
्यवाद।
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